डिजिटल ट्रांजैक्शन में आपका रुपया डिजिटल नहीं होता, बल्कि उसे भेजने का तरीका डिजिटल होता है।
RBI Digital Currency: अब भारत देश भी उन देशों में शामिल हो गया है, जिनकी अपनी डिजिटल करेंसी है। बता दें, रिजर्व बैंक मंगलवीर को उन विकसित देशों में शामिल हो गया, जिन देशों में digital currency का उपयोग होता है। भारत में डिजिटल रुपये के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत हो चुकी है जिसका शुरुआती इस्तेमाल अभी सरकारी प्रतिभूतियों के लेनदेन के लिए किया जा रहा है और अभी फिलहाल होलसेल सेगमेंट में ही लेन-देन किया जायेगा। इसके साथ ही Retailers के लिए इसकी शुरुआत एक महीने में शुरू की जाएगी।
फिलहाल देश के 9 बैंकों को ही चुना गया है, होलसेल सेगमेंट के लिये…
RBI Digital Currency: जानकारी के मुताबिक डिजिटल करेंसी का सबसे बड़ा फायदा दूसरे देशों से लेनदेन करने और एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांजैक्शन करने में होगा। भारत में digital currency के लिये फिलहाल 9 बैंको को ही चुना गया है, जिसमें state bank of India भी शामिल है। digital का यह काम बेहद तेजी से शुरु होगा। Digital currency के उपयोग में रुपये-पैसे का लेन-देन डिजिटल माध्यम से होगा। आपको बता दें, डिजिटल करेंसी में आपका रुपया ही पूरी तरह से डिजटल होगा। अभी डिजिटल रुपये का कोई स्वरूप निश्चित नहीं है, फिलहाल में इसका उपयोग थोक ट्रांजैक्शन के लिए हो रहा है। इस काम में अभी 9 बैकों को शामिल किया गया है जो बैंक डिजिटल रुपये के माध्यम से एक दूसरे को मनी ट्रांसफर करते हैं या लेनदेन करते हैं।
कैसे होगा digital currency का transaction?
डिजिटल करेंसी को समझने के लिए सबसे पहले digital transaction और डिजिटल रुपये के अंतर को समझना जरूरी है। जिस तरह से हम दुकानदार को पूछते हैं, कि क्या नोट के बदले पेटीएम से या गूगलपे से पैसे दे सकते हैं, उसी तरह हम किसी से नोट के बदले डिजिटल रुपये का लेनदेन कर सकेंगे। डिजिटल रुपये के आने से बैंकनोट बंद नहीं होंगे बल्कि लोगों को लेनदेन का एक अतिरिक्त माध्यम मिलेगा और डिजिटल करेंसी में रुपये के बदले डिजिटल रुपया ही जमा होगा जो कि पूरी तरह से डिजिटल होगा।