नई दिल्ली: कहा जाता है की शिक्षा हर व्यक्ति का एक बुनियादी अधिकार है, मगर आज भी दुनियाभर के कई हिस्सों में बच्चों को बुनियादी शिक्षा प्राप्त करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ रहा है. माना जाता है कि शिक्षा एक मानवीय अधिकार है और एक सार्वजनिक जिम्मेदारी भी है. शिक्षा का महत्व दुनियाभर में पहुंचाने के लिए हर साल 24 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का महत्व-
आपको बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस किसी विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। वहीं कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए, अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के लिए इस वर्ष का विषय “Recover and Revitalize Education for the COVID-19 Generation.” रखा है। दरअसल 3 दिसंबर, 2018 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने शांति और विकास के लिए शिक्षा की भूमिका को बढ़ावा देने के लिए 24 जनवरी के दिन को हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था।
नाइजीरिया और 58 अन्य सदस्य राष्ट्रों द्वारा ‘इंटरनेशनल डे ऑफ एजुकेशन’ को अपनाया गया। इसके बाद से, हर बच्चे की मुफ्त और बुनियादी शिक्षा तक पहुंच हो, इस उद्देश्य के साथ यह दिन हर वर्ष मनाया जाने लगा। इस दिन को सभी देशों में अलग अलग तरीकों से मनाया जाता है. कई ग्लोबल इवेंट्स आयोजित किए जाते हैं जिनके मुख्य तीन विषय होते हैं: लर्निंग, इनोवेशन और फाइनेंसिंग।
इस तरह के वैश्विक आयोजन पेरिस और न्यूयॉर्क में यूनेस्को मुख्यालय में आयोजित किए जाते हैं. यह दिन हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के विषय पर केंद्रित रहता है. यह दुनिया भर में शांति और विकास के लिए शिक्षा की भूमिका पर प्रकाश डालता है।