नई दिल्ली : सेलेक्ट कमेटी के फैसले के बाद सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले वर्मा ने डीजी फायर सर्विसेज एंड होमगार्ड का पद ग्रहण करने से इंकार कर दिया था। गुरूवार को चयन समिति ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में उन्हें पद से हटाने का फैसला लिया था ।
गौरतलब है कि इस फैसले के दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने अलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर के पद पर बहाल किया था । सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि पद से हटाने का फैसला केवल सेलेक्ट कमेटी ही कर सकती है। इसके बाद समिति ने अलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटा दिया। साथ ही उन्हें बचे 21 दिन के कार्यकाल के लिए फायर सर्विस का महानिदेशक बना दिया गया है
इस समिति में बतौर सदस्य मुख्य न्यायाधीस के प्रतिनिधि जस्टिस सीकरी के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हुए। जिसमें 2-1 के बहुमत से सीबीआई डायरेक्टर अलोक को उनके पद से पदच्युत करने का फैसला लिया गया। फैसले लेते वक्त मल्लिकार्जुन खड़ने ने इसका विरोध करते हुए कहा कि वर्मा को सीबीआई निदेशक की पूरी शक्ति दी जाए साथ ही सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता ने ये मांग रखी कि 77 दिन की छुट्टी में बर्बाद हुए समय जितना कार्यकाल बढ़या जाये इसके अलावा 23 ,24 अक्टूबर के हटाये जाने की परिस्थितियों को भी जांच का विषय बाताया और इस बारे में जांच की मांग की।