नई दिल्ली: देश में इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 24 अगस्त को मनाई जा रही है। भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। इस बार जन्माष्टमी 24 अगस्त 2019 को उदया तिथि अष्ठमी सुबह 8:30 तक होने से और रोहिणी नक्षत्र होने के कारण ही 24 अगस्त को मनाना सर्वोत्तम होगा। कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।
इस बार कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पति-पत्नी नीचे लिखी बातों को ध्यान में रखें ताकि आपकी सारी मनोकामनाओं की पूर्ति हो सके…
- कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पति-पत्नी दोनों सुबह के समय जल्दी उठे और स्नान करके हल्के पीले स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान कृष्ण की फोटो या चित्र को लकड़ी के पटरे पर पीला रेशमी वस्त्र बिछाकर स्थापित करें।
- भगवान कृष्ण को पीले फूलों की माला तथा पीले फल तुलसीपत्र पीली मिठाई अर्पित करे।
- इसके बाद उनके सामने जल का एक लोटा भरकर रखें।
- शुद्ध गाय के घी का चौमुखा दीया उनके सामने जलायें तथा पीले आसन पर बैठे।
- दोनों मिलकर सबसे पहले भगवान गणपति का ध्यान करें और अपने गुरु को प्रणाम करके मधुराष्टकम् का 5 बार पाठ करें।
- पाठ पूरा होने के बाद पीली मिठाई फल तुलसीपत्र भगवान को अर्पण करें।
- दोनों एक-दूसरे को मिठाई खिलायें तथा लोटे का जल पीयें।
घर में धन-धान्य के लिए इस तरह करें भगवान कृष्ण की पूजा…
- घर की पूर्व दिशा में एक लकड़ी की चौकी पर पीला वस्त्र बिछाए।
- भगवान कृष्ण की एक मूर्ति को एक पात्र में रखें और उनके सामने धूप और दीप अवश्य जलाएं।
- इसके बाद भगवान कृष्ण से प्रार्थना करें कि वह आपके घर में पधारे और उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं।
- शुद्ध जल से स्नान कराकर उन्हें हल्के पीले या गुलाबी रंग के वस्त्र पहनाकर श्रंगार करें।
- केसर में गुलाब जल मिलाकर उन्हें तिलक करें तथा माखन मिश्री का भोग लगाएं।
- परिवार के सभी सदस्य अपने दाएं हाथ में तुलसी पत्र लेकर भोग लगाएं और अपने घर में अन्न धन की प्रार्थना करें।
- फिर से भगवान कृष्ण को धूप-दीप दिखाएं और किसी आसन पर बैठकर कृष्ण-कृष्ण मंत्र का 108 बार जाप करें और कोई भजन या मंगलगीत अवश्य गायें।
- कृष्ण जन्माष्टमी पर सारा दिन व्रत रखकर शुद्ध वस्त्र धारण करें और भगवान कृष्ण का कोई भजन-कीर्तन अवश्य करें।
- कृष्ण जन्माष्टमी के दिन शाम के समय तुलसी के पौधे के नीचे गाय के घी का दिया जलायें और 11 बार ॐ नमो नारायणाय मंत्र का जाप करें।
- साबुत 108 तुलसी के पत्तों की पीले धागे में माला बनाएं और भगवान कृष्ण को पहनायें।
- रात्रि में 12:00 बजे भगवान कृष्ण के सामने गाय के घी का दीया जलायें और एक आसन पर बैठे।
- अब शुद्ध तुलसी की माला या किसी भी माला से ॐ क्लीं कृष्णाय नमः मंत्र का पांच माला जाप करें।
- अपने मन की इच्छा बालकृष्ण को कहें और बड़े बुजुर्गों के चरण स्पर्श करें।