नई दिल्ली : बिहार पुलिस में अब सिपाही और सब इंस्पेक्टर के पदों पर किन्नरों (ट्रांसजेंडर) की सीधी नियुक्ति होगी। राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि सिपाही और दारोगा की नियुक्तियों में इनके लिए सीटें रिजर्व होगी। बिहार पुलिस में ट्रांसजेंडर की बहाली को लेकर गृह विभाग ने संकल्प जारी कर दिया है।
हालांकि वर्दी पाने के लिए इन्हें भी लिखित व शारीरिक परीक्षा पास करनी होगी। संकल्प के मुताबिक, सिपाही और दारोगा के पद पर भविष्य में होने वाली नियुक्ति में ट्रांसजेंडर के लिए पद आरक्षित होंगे। दोनों ही रैंक में प्रत्येक 500 पद के एक पद ट्रांसजेंडर के लिए आरक्षित होगा।
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उम्र सीमा में छूट प्राप्त होगी-
बताया जा रहा है कि ट्रांसजेंडरों की सीधी नियुक्ति शैक्षणिक अर्हता पुलिस मैन्युअल 1978 में सिपाही संवर्ग के लिए तथा पुलिस अवर निरीक्षक संवर्ग के लिए निर्धारित अनुसार ही होगी। ट्रांसजेंडर अभ्यर्थी को बिहार राज्य का मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र और राज्य सरकार द्वारा निर्धारित, सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र भी देना होगा, जिससे यह प्रमाणित हो कि वे ट्रांसजेंडर हैं।
बिहार में अब किन्नरों की फौज-
बाकी अभ्यर्थियो के समान ही इन्हें भी लिखित और शारीरिक परीक्षा में शामिल होना होगा। शारीरिक दक्षता परीक्षा के मापदंड ट्रांसजेंडर के लिए वहीं होंगे जो महिलाओं के लिए तय है। बहाली के लिए इनकी न्यूनतम उम्र सीमा विज्ञापन के अनुसार होगी।अधिकतम उम्र सीमा में अनुसूचित जाति साथ ही इन्हें बिहार का मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र देना होगा।
ट्रांसजेंडर की संख्या, 0.039 प्रतिशत यानी 1 लाख में 39-
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार की आबादी 10.41 करोड़ थी जिसमें ट्रांसजेंडर की संख्या 40827 थी। इस हिसाब से ट्रांसजेंडर का प्रतिनिधित्व 0.039 प्रतिशत यानी एक लाख में 39 है। पुलिस में जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व का ध्यान रखने पर वर्तमान समय में कम से कम 51 पद पर ट्रांसजेंडर का प्रतिनिधित्व होना चाहिए. यानी 2550 पुलिस अधिकारी या कर्मी पर 1 ट्रांसजेंडर वर्ग का होना चाहिए। जनसंख्या का अनुपात कम होने के चलते बहाली के लिए इनकी उपलब्धता कम होगी. ऐसे में बटालियन बनाने के लिए योग्य अभ्यर्थी मिलना शायद संभव न हो।