नई दिल्ली : तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर किसान संगठनों ने नेताओं ने आरोप लगाया है कि 4 किसान नेताओं को मारने और 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड में खलल डालने की साजिश रची जा रही है। शुक्रवार शाम को किसान नेताओं ने एक व्यक्ति को मीडिया के सामने पेश किया। उस व्यक्ति ने दावा किया कि उसे और उसके साथियों को पुलिस के भेष में रहकर ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों पर लाठीचार्ज करने को कहा गया था।
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सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन में बाधा डालने की साजिश
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में आज किसानों के आंदोलन 59 दिन हो गए हैं। दिल्ली की अलग अलग सीमाओं पर कई हजार किसान डेरा डाले बैठे हैं। ऐसे में किसान आंदोलन में बाधा डालने की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। किसान संगठनों ने नेताओं ने आरोप लगाया है कि 4 किसान नेताओं को मारने और 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड में खलल डालने की साजिश रची जा रही है। दरअसल, आंदोलन में किसानों के बीच पहुंचे एक संदिग्ध को पकड़ा गया है। किसानों ने इस संदिग्ध को पकड़ने के बाद आंदोलन में बाधा डालने की साजिश रचे जाने का आरोप लगाया है। बता दें कि आरोपी को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर इस संदिग्ध को पकड़ा गया है, जिसकी पहचान हरियाणा के सोनीपत निवासी योगेश के रूप में की गई है।
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दबाव में दिए झूठे बयान
बता दें, संदिग्ध के पकड़े जाने के बाद किसान नेताओं ने देर रात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान किसान नेता जगजीत सिंह दलेवाल ने कहा कि पकड़े गए संदिग्ध ने आंदोलनस्थल के पास प्रदर्शनकारियों पर एक लड़की के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने की है। लेकिन जब उसे किसानों ने पकड़ लिया तो संदिग्ध ने यह स्वीकार किया कि वह ये देखने के लिए हंगामा कराने की कोशिश कर रहा था कि कहीं किसी के पास कोई हथियार तो नहीं है। इसके बाद किसानों की मौजदूगी में उसने कई खुलासे किए है। परन्तु इसमें एक नया मोड़ देखने को मिल रहा है जहां आरोपी ने स्वीकारा कि उसने जो बयान दिए वो सभी झूठे थे और ऐसा करने के लिए उस पर दबाव बनाया गया था।