नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का दिल्ली के एम्स में निधन हो गया है। उन्होंने शनिवार दोपहर 12.7 बजे अंतिम सांस ली। वह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पिछले 9 अगस्त से उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालात लगातार गंभीर बनी हुई थी। अरुण जेटली को वेंटिलेटर पर लैटाया हुआ था। उनसे मिलने के लिए बीजेपी नेता समेत विपक्षी नेताओं ने भी एम्स का रुख किया था। डॉक्टर्स का कहना था कि उनकी हालात में कोई सुधार नहीं हो पा रहा था। वहीं, शनिवार की दोपहर को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
बता दें कि अरुण जेटली का राजनीतिक करियर काफी शानदार रहा। इस दौरान उनकी जिंदगी में काफी उतार चढ़ाव भी आए। वह छात्र जीवन से ही राजनीति में आ गए थे। जिस समय इंदिरा सरकार में इमरजेंसी लगी थी तो उन्हें काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा था। उन्हें तिहाड़ और अंबाला जेल में बतौर कैदी रखा गया था। उन्हें इमरजेंसी के दौरान (1975-1977) मीसा के तहत 19 महीने जेल में काटने पड़े थे।
इमरजेंसी के चलते कांग्रेस को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। उस दौरान जेटली एबीवीपी में काफी सक्रिय थे और उन्हें दिल्ली एबीवीपी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली थी। एबीवीपी के राष्ट्रीय सचिव का भी दायित्व निभा रहे थे।
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में अरुण जेटली ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने कैबिनेट में शामिल होने से भी इनकार कर दिया था। तबीयत खराब रहने के चलते उन्होंने ये फैसला लिया था।