जनतंत्र डेस्क, Karnataka: अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिए कर्नाटक में लोगों ने सामुदायिक बंधंनो को तोड़ते हुए नई मिसाल कायम की है। यहां एक गांव और वहां के लोग इन दिनों खूब चर्चा में हैं। कर्नाटक के सर्वे गांव में 800 साल पुराने मंदिर को बचाने के लिए हिंदू-मुस्लिम सभी समुदाय एकजुट हो गए हैं।
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मंगलुरु से करीब 65 किमी दूर पुट्टूर के पास स्थित सर्वे गांव में 800 साल पुरानी मंदिर है। जिसे नया रूप देने के लिए मुस्लिम समुदाय ने पहल की है। इस गांव में मंदिर के जीर्णोद्धार के कई प्रयास पहले भी किए जा चुके हैं, लेकिन सभी लोगों के साथ आने के बाद ही यह काम शुरू हो सका।
मंदिर समिति के लोगों का कहना है कि कई बार मुसलमानों ने हमसे जीर्णोद्धार के काम के लिए कहा। गांव में करीब 30 फीसदी आबादी मुसलामान और 50 प्रतिशत हिंदू हैं। ज्यादातर लोग मध्यम वर्ग से हैं। साल 2019 में मंदिर जीर्णोद्धार समिति का गठन हुआ था, जिसके बाद से ही रिनोवेशन का काम जारी है।
व्हाट्सऐप ग्रुप से जुटाई राशि
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मंदिर के काम के लिए कई व्हाट्सऐप ग्रुप तैयार किए गए हैं। साथ ही खर्चों को भी अलग-अलग बांटने का फैसला किया गया है, ताकि दानदाताओं पर आर्थिक बोझ न पड़े। मंदिर के रिनोवेशन के लिए ज्यादातर राशि व्हाट्सऐप ग्रुप्स की मदद से ही जुटाई गई है। मंदिर कायाकल्प के लिए 2 करोड़ की राशि जुटाई जा चुकी है।
लोगों का पूरा सहयोग
ऐतिहासिक मंदिर को बचाने के लिए न केवल लोगों ने आर्थिक रूप से मदद की बल्कि अन्य तरह की मदद में भी पूरा साथ दिया। मुस्लिम समुदाय के एक परिवार ने मंदिर के लिए तीन एकड़ खेती की पेशकश की। मुस्लिम लोगों का कहना है कि पूरा गांव वर्षों से सद्भावना के साथ रह रहा है। हम उरूस का हिस्सा हैं और मुसलमान मंदिर-त्यौहारों में शरीक होते हैं। हमने इस मंदिर को संस्कृति के केंद्र के तौर पर तैयार करने की योजना बनाई है।