जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: आज से 158 साल पहले हमारे देश में एक ऐसे सन्यासी ने जन्म लिया था। जिन्होंने पूरी दुनिया को भारत के Ancient Wisdom यानि कि प्राचीन ज्ञान की रौशनी से जगमग कर दिया। 12 जनवरी 1863 को स्वामी विवेकानंद का जन्म कोलकाता में हुआ था। डेढ़ सौ साल में एक गुलाम मुल्क, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बन गया। लेकिन इस पूरे काल खंड में जो सबसे अहम योगदान था वो था देश के युवाओं का। आज नेशनल यूथ डे भी है ऐसे में आज हम आपको Swami Vivekananda और उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताएंगे जो आपने आज तक नहीं सुने होंगे।
स्वामी विवेकानंद से जुड़े फैक्ट
स्वामी विवेकानंद के जन्म के बाद परिवार के लोगों ने उनका नाम दुर्गादास रखने की सोची लेकिन उनकी मां ने उनका नाम वीरेश्वर रखा था और उन्हें अक्सर बिली कहकर बुलाया जाता था। बाद में उनका नाम नरेंद्रनाथ दत्त रखा गया। ऐसे स्वामीजी के कई नाम हैं।
तमाम चीजों के साथ-साथ विवेकानंद को उनकी भाषण कला के लिए जाना जाता है, खासतौर से उन्होंने जो शिकागो में अंग्रेजी भाषण दिया था वह आज भी मशहूर है। लेकिन आपको जान के हैरानी होगा कि BA में स्वामी विवेकानंद के अंग्रेजी में नंबर सिर्फ 50% के आस-पास ही रहते थे।
बचपन में जब भी विवेकानंद गुस्सा होते थे तो उनकी माँ भुवनेश्वरी देवी उनके ऊपर ठंडा पानी डालती थीं और कहती थी कि ॐ नमः शिवाय का जाप करो…और ऐसा करने से वे शांत हो जाते थे।
स्वामी विवेकानंद चाय के शौक़ीन थे पर उस समय की मान्यताओं के अनुसार आप मठ में चाय नहीं पी सकते थे, पर इसके विरुद्ध स्वामी जी ने अपने मठ में चाय पीने की अनुमति दे रखी थी।
स्वामी विवेकानंद देखने में बहुत आकर्षक थे इसलिए कई महिलाएं उनसे मित्रता करने की इच्छुक रहती थीं पर वे कभी इसके लिए तैयार नहीं हुए।
स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी से ढेर सारी किताबें ले जाते थे और अगले दिन ही उन्हें वापस कर देते थे। इस पर एक बार लाइब्रेरियन ने उनसे किसी किताब के बीच से ही कोई सवाल पूछ लिया जो स्वामी विवेकानंद ने आसानी से बता दिया, लाइब्रेरियन इससे हैरान रह गया कि इतने जल्दी कोई इतनी किताबें कैसे पढ़ सकता है। स्वामी जी हमेशा कहा करते थे कि वे 40 की उम्र से अधिक नहीं जियेंगे और सचमुच वे 39 साल की उम्र में स्वर्ग सिधार गए।