नई दिल्लीः Dadasaheb Phalke Award- साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत को फिल्मी दुनिया का सबसे बड़ा अवार्ड दादा साहेब फाल्के अवार्ड मिलने जा रहा है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने इस बात की घोषणा की है. उन्होंने बताया कि रजनीकांत को 51वां दादा साहब फाल्के अवार्ड तीन मई को दिया जाएगा. रजनीकांत की उम्र 71 साल है।
मुझे इस बात की अत्यंत खुशी है कि 2019 का दादासाहेब फ़ाल्के अवार्ड रजनीकांत को मिला है।
5 सदस्यों की ज्यूरी @ashabhosle @SubhashGhai1 @Mohanlal @Shankar_Live #BiswajeetChatterjee ने एकमत से इसकी सिफारिश की है।— Prakash Javadekar (Modi Ka Parivar) (@PrakashJavdekar) April 1, 2021
बता दें की केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने कहा, ”सिनेमा में शानदार योगदान के लिए अभी तक ये अवार्ड 50 बार अलग-अलग हस्तियों को दिया जा चुका है. अब 51वां अवार्ड सुपरस्टार रजनीकांत को दिया जाएगा. इस अवार्ड के लिए रजनीकांत के चयन से देश को खुशी मिलेगी.”
साउथ में मिला ‘भगवान’ का दर्जा
रजनीकांत का जन्म 12 दिसंबर 1950 को बेंगलुरू के मराठी परिवार में हुआ था. गरीब परिवार में जन्मे रजनीकांत ने अपनी मेहनत और कड़े संघर्ष की बदौलत टॉलीवुड में ही नहीं बॉलीवुड में भी काफी नाम कमाया. साउथ में तो रजनीकांत को थलाइवा और भगवान कहा जाता है. रजनीकांत का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है।
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फिल्मी करियर की शुरूआत
बता दें की रजनीकांत ने 25 साल की उम्र में अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की. उनकी पहली तमिल फिल्म ‘अपूर्वा रागनगाल’ थी. इस फिल्म में उनके साथ कमल हासन और श्रीविद्या भी थीं. 1975 से 1977 के बीच उन्होंने ज्यादातर फिल्मों में कमल हासन के साथ विलेन की भूमिका ही की. लीड रोल में उनकी पहली तमिल फिल्म 1978 में ‘भैरवी’ आई. ये फिल्म काफी हिट रही और रजनीकांत स्टार बन गए. साउथ में शोहरत की बुलंदियां छूने के बाद रजनीकांत ने बॉलीवुड का रुख किया और फिल्म ‘अंधा कानून’ से डेब्यू किया।