जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: आदिवासी समुदाय से आने वाली द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) का जन्म ओडिशा में हुआ था बता दें कि वह मयुरभंज जिले केमाया बदापौसी गांव की रहने वाली हैं। हाल ही में उन्हें राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया था। आज 25 जुलाई को द्रौपदी मुर्मू ने शपथ ली है और वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बन गई हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि द्रौपदी मुर्मू 64 साल की हैं। उन्होंने 25 जुलाई यानि सोमवार को देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। वहीं चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। मुर्मू ओडिशा की रहने वाली हैं। वे इससे पहले झारखंड की राज्यपाल भी रही हैं।
द्रौपदी (President Draupadi Murmu) बीजेडी और बीजेपी की गठबंधन के सरकार में भी मंत्री रह चुकी हैं और 2002 से 2004 तक उन्होंने राज्य में कई पद संभाले। द्रौपदी झारखंड की ऐसी पहली राज्यपाल थीं जिन्होंने 2000 में झारखंड के गठन के बाद 5 वर्षों का कार्यकाल पूरा किया। इसके साथ ही उन्होंने 2015 से 2021 तक राज्य के गवर्नर के रूप में भी अपनी सेवाएं दी थीं।
शपथ के बाद राष्ट्रपति मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने कहा राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है। मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है। और साथ ही यह भी कहा कि 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस है। ये दिन भारतीय सेनाओं के शौर्य और संयम का प्रतीक है। मैं सभी नागरिकों और सेनाओं को करगिल दिवस की शुभकामनाएं देती हूं।