विश्व व्यापार संगठन (WTO) की मंत्रिस्तरीय बैठक रविवार से जेनेवा में शुरू हो रही है। इस सम्मेलन से पहले भारत ने संगठन के तीन मसौदों, मछली पकड़ने, कृषि और कोविड वैक्सीन पेटेंट पर असहमति जाहिर की है। विकसित देशों के खिलाफ इन तीन मसौदों पर भारत ने इनकार कतर दिया और वहीं भारत का साथ 80 देशों ने दिया।
कृषि संबंधित मसौदा पर क्यूं इनकार?
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में खाद्यान्नों की कमी हो गई है। ऐसी स्थिति में कृषि WTO में एक बड़ा मुद्दा होने जा रहा है। भारत कृषि से संबंधित मसौदे पर इसलिए आपत्ति जता रहा है क्योंकि ये खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गरीबों को दी जा रही सब्सिडी को कम करने की बात करता है।
खाद्य सब्सिडी बिल 1986-88 के आधार पर WTO ने निर्धारित किया है कि गरीबों को सब्सिडी उत्पादन मूल्य का 10 प्रतिशत ही दिया जाए। भारत हमेशा से इसके खिलाफ रहा है क्योंकि भारत में गरीब लोगों को कम दामों में अनाज उपलब्ध कराने के लिए सरकारी योजनाएं चलाई जाती है।
भारत चाहता है कि खाद्य सब्सिडी गणना के फॉर्मूले में संशोधन किया जाए, जो कि 30 साल पुराने बेंचमार्क पर आधारित है। WTO के कृषि मसौदे के खिलाफ भारत को 125 देशों में से 82 देशों का समर्थन हासिल है।