नई दिल्ली: Success Story: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के रावतसर की तीन सगी बहनों ने एक साथ आरएएस अफसर (Success Story) बनकर इतिहास रच दिया है। गौर करने वाली बात ये है कि तीनों बहनों की दो बड़ी बहनें भी आरएएस अधिकारी ही हैं। इस तरह से पांचों बहनें आरएएस अधिकारी बन गई हैं। तीनों बेटियों ने साबित कर दिया है कि बेटियां बोझ नहीं वारदान होती हैं। अगर उनकी परवरिश ठीक से की जाए तो वह हर मुकाम हतिहास रच सकती हैं।
यह भी पढ़ें- AIMIM: ओवैसी की धमक से बढ़ी विपक्षी पार्टियों की चिंता, पश्चिमी यूपी में कर रहे हैं दौरा
Success Story: किसान की बेटी ने रचा इतिहास
एक बहन मंजू फिलहाल सहकारिता विभाग में कार्यरत हैं तो दूसरी बहन रोमा बीडीओ बन गई हैं। इनकी बाकी तीनों बहनों ने RAS में टॉप 100 रैंक हासिल की है। एक साथ सफलता की सीढ़ी चढ़ने वाली ये तीन बहनें रावतसर तहसील के भैरूसरी गांव में रहने वाले किसान सहदेव सहारन की बेटियां हैं। जिनके नाम रीतू, सुमन और अंशु हैं। बेटियों की उपलब्धि पर परिवार ही नहीं बल्कि पूरे गांव और जिले में उत्साह का माहौल है।
देश को गौरवान्वित किया
इन तीनों में अंशू ने 31, रीतू ने 96 और सुमन ने 98 वीं रैंक हासिल की है। कभी पांचों बहनें गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ीं फिर माता पिता ने उसके बाद शहर जाकर प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई कराई। बेटों की चाहत रखने वाले माता-पिता को भी इन पेरेंट्स से सीखना चाहिए। जिन्होंने बेटियों को अभिशाप नहीं समझा बल्कि उन्हें हीरे की तरह निखारा। आज हनुमानगढ़ जिले के एक छोटे से गांव की तीन बेटियों ने एक साथ आर एस बन कर माता पिता का सपना साकार किया है और पूरे देश को गौरवान्वित किया है।
बड़ी बहन बनी प्रेरणा
आरएएस में चयनित होने वाली तीनों बहनों अंशु, रितु और सुमन की दो बड़ी बड़ी बहनों रोमा और मंजू का भी साल 2011 और 2012 में राजस्थान प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ था। बड़ी बहनों के प्रशासनिक सेवा में चयन के बाद छोटी बहनों को भी प्रेरणा मिली और अब 2018 में तीनों बहनों ने एक साथ आरएएस की परीक्षा पास करके साबित कर दिया है कि जहां चाह होती है वहां राह जरूर होती है।