रश्मि सिंह|Chhath Puja 2023: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत आज यानी 17 नवंबर से हो चुका है। चार दिवसीय छठ पूजा के पहले दिन नहाय खाय मनाया जाता है। इसमें व्रती स्नान-ध्यान कर विधि-विधान से सूर्य देव की पूजा करते है। इसके पश्चात, भोजन ग्रहण करती है। भोजन में चावल, दाल और लौकी की सब्जी ग्रहण करती है। इस साल एक बड़ा सयोग बन रहा है,नहाय खाय के दिन दुर्लभ भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, कई और अद्भुत संयोग बन रहे है। इन संयोग में सूर्य देव की उपासना करने से कई गुना फल प्राप्त होता है।
शुभ मुहूर्त
छठ पूजा के पहले दिन नहाय खाय मानया जाता है। पंचाग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि सुबग 11 बजकर 03 मिनट तक शुभ मुहूर्त है, इसके पश्चात, पंचमी तिथि शुरु हो जाएगी।
करण योग
नहाय खाय के दिन 11 बजकर 03 मिनट से बव करण का निर्माण हो रहा है। पंचाग के मुताबिक इस करण योग को शुभ माना जाता है। करण योग में शुभ कार्य किये जाते है, साथ ही बव करण में आराध्य देव की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होगी।
भद्रावास योग
नहाय खाय के दिन वर्षे बाद भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में पूजा करने से व्रती को कई गुना फल प्राप्त होगा। ज्योतिषियों की मानें तो भद्रावास योग में समस्त भूमंडल का कल्याण होता है। ऐसा मानना है की, इस समय में भद्रा पाताल लोक में निवास करता है। इस समय में सूर्य देव की उपासना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय-सुबह 06 बजकर 45 मिनट पर
सूर्यास्त– शाम 05 बजकर 27 मिनट पर