रश्मि सिंह|CAA: मोदी सरकार ने हाल ही में CAA को लागू किया। इसके बाद से इस पर विवाद चल रहा है। सीएए मामले में करीब 230 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दर्ज कराई गई है। आज सुप्रीम को इन्ही याचिकाओं पर सुनवाई करने वाला है। सीएए को लागू होने के बाद विपक्ष और अन्य कई संगठन सरकार पर हमला कर रही है। उनका कहना है कि यह कानून मुसलमानों के साथ पक्षपातपूर्ण है। विपक्ष का यह कहना है कि यह कानून संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
यूनियन मुस्लिम लीग ने सीएए को बताया विवादित कानून
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, केंद्र सरकार ने सीएए कानून को लागू कर दिया है। जब से यह कानून को लागू किया गया है तब से ही इस पर कोई न कोई विवाद चल रहा है। केंद्र सरकार की ओर से सीएए को लागू करने के बाद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने इसे लागू करने पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था। एक मीडिया रिपोर्ट की मानें तो यूनियन मुस्लिम लीग ने मांग की है कि विवादित कानून और नियमों पर रोक लगाई जाए और मुस्लिम समुदाय के उन लोगों के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाए जो इस कानून के लाभ से वंचित है।