जनतंत्र डेस्क Crime: इंग्लैंड के ईस्ट ससेक्स राज्य में कोर्ट ने एक ऐसे आरोपी को दोषी माना है जिसने मुर्दाघर में महिलाओं की लाश के साथ दुष्कर्म किया था। हैरान कर देने वाला ये मामला टाउन हीथफील्ड का है। जहां 34 साल बाद घिनौनी करतूतों के अपराधी को सजा मिलने जा रही है। कोर्ट ने उसे महिलाओं की लाश के साथ दुष्कर्म का दोषी पाया है।
ये घिनौनी करतूत साल 1989 में शुरू हुई जिसको करीब 12 सालों तक अंजाम दिया गया और किसी को पता भी नहीं चला। महिलाओं की लाश के साथ दुष्कर्म करने वाला डेविड फुलर अब 67 साल का हो गया। उसने कई महिलाओं की हत्या और करीब 100 महिलाओं की लाश के साथ हैवानियत की थी। फुलर एक इलेक्ट्रीशियन था। जांच में सामने आया कि फुलर देर रात तक मुर्दाघर में काम करता रहता था, तब तक दूसरे कर्मचारी चले जाते थे।
Crime: केस की जांच में 21 करोड़ से ज्यादा का खर्च
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस केस की जांच करने में इंग्लैंड पुलिस को 2.5 मिलियन यूरो यानि करीब 21.42 करोड़ रुपए का खर्च आया। ये केस मेडस्टोन क्राउन कोर्ट में चला। फुलर को 51 अलग-अलग मामलों में दोषी पाया गया। वहीं, दो मुर्दाघरों में ऐसी 78 लाशों की पहचान की गई है। जिनके साथ फुलर ने दुष्कर्म किया था।
Crime: सिर पर सवार थी हैवानियत
1987 में दो महिलाओं की हत्या के बाद फुलर शक के घेरे में आया। जब वेंडी नेल और कैरोलीन पियर्स नाम की 2 महिलाओं की हत्या हो गई थी। जिनमें से नेल की लाश उसके घर में बिस्तर पर मिली। जिस पर डेविड फुलर का DNA मिला। वहीं, कैरोलीन पियर्स का ग्रोसवेनर पार्क में घर के बाहर से अपहरण कर लिया गया। पड़ोसियों ने उनके चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनी थी। एक हफ्ते बाद उनकी लाश उनके घर 40 मील दूर एक बांध पर तैरती मिली। जांच में सामने आया कि इन दोनों महिलाओं को फुलर पहले से जानता था।
24 साल बाद हुई गिरफ्तारी
वेंडी नेल और कैरोलीन पियर्स दोनों महिलाओं की हत्या के आरोप में डेविड फुलर को 24 साल बाद सितंबर 2011 में उसे गिरफ्तार किया गया। पुलिस को तलाशी के दौरान फुलर के घर से अश्लील फोटोज, बच्चों की लाश के साथ अश्लीलता के वीडियोज समेत कई बेहद आपत्तिजनक सामग्री मिली।