नई दिल्ली: Lakhimpur Case: आशीष मिश्रा शनिवार को लगभग 10:30 बजे लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जाँच के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा बनाई गई विशेष जाँच टीम (एसआईटी) के सामने पेश हुए। क्राइम ब्रांच कार्यालय में उससे पूछताछ शुरू हुई। रविवार को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में किसानों के विरोध में उनपर कार चढ़ाने का आरोप लगाने वाले डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल की अगुवाई वाली एसआईटी पूछताछ की। पूछताछ के दौरान आशीष मिश्रा ने कहा कि वह घटना के समय ‘दंगल’ पर थे।
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Lakhimpur Case: शुक्रवार को फिर जारी किया गया था समन
इस बीच, आशीष मिश्रा को शुरू में शुक्रवार को सुबह 10 बजे तक यूपी पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया। हालांकि, वह शुक्रवार को लखीमपुर खीरी पुलिस लाइन में अपराध शाखा कार्यालय में पूछताछ के लिए नहीं आए थे, जिससे जाँचकर्ताओं को एक नया समन जारी करना पड़ा। मामले में गुरुवार को दो लोगों को गिरफ्तार किए जाने के बाद, पुलिस ने आशीष मिश्रा के घर के बाहर एक नोटिस चिपकाया था, जिसमें उन्हें चार किसानों सहित आठ लोगों की जान लेने वाली हिंसा के संबंध में पेश होने के लिए कहा गया था।
Lakhimpur Case: आशीष ने सबूत के तौर पर दिए वीडियो और हलफनामे
लखीमपुर खीरी कांड पर दर्ज अपनी प्राथमिकी में उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा है कि आशीष मिश्रा उर्फ मोनू रविवार को विरोध कर रहे किसानों को कुचलने वाली कार में बैठा था। प्राथमिकी में यह भी दावा किया गया है कि आशीष मिश्रा ने विरोध कर रहे किसानों पर गोलियाँ चलाई थीं। हालांकि, अजय मिश्रा ने बार-बार दावा किया है कि किसानों को रौंदने वाली कारों में उनका बेटा नहीं था। इसके अलावा, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने यह साबित करने के लिए 10 लोगों के वीडियो और हलफनामे प्रदान किए कि वह उस कार के अंदर नहीं थे, जिसने पिछले सप्ताह लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचल दिया था।
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Lakhimpur Case: पुलिस की कार्रवाई से सुप्रीम कोर्ट नाराज़
बता दें कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जाँच को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की खिंचाई की और पूछा कि आशीष मिश्रा पर हत्या का मामला दर्ज होने के बाद भी उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। आशीष मिश्रा के खिलाफ की गई कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट से पूछा, ‘क्या आप देश में हत्या के अन्य मामलों में आरोपियों के साथ वैसा ही व्यवहार करते हैं। अदालत ने कहा, “हम राज्य के कार्यों से संतुष्ट नहीं हैं।”