Diwali 2023: दिवाली का त्योहार नजदीक आ रहा है। सभी लोगों ने तैयारियां शुरु कर दी। घर की साफ-सफाई, घरों को सजाना और शॉपिंग करना इत्यादि। यह त्योहार धनतेरस से शुरु होता है औऱ पांच दिनों का यह रोशनी का त्योहार रहता है। इस उत्सव में देवी लक्ष्मी की पूजा के साथ-साथ अन्य देवी देवताओं की पूजा की जाती है। 10 नंवबर को धनतेरस है और इस दिन धातु खरीदना शुभ माना जाता है। ऐसे ही सभी त्योहार कब कब हैं और उनके महत्व क्या है?
10 नवंबर- धनतेरस या धन त्रयोदशी
द्रिक पंचांग के अनुसार, धनतेरस पूजा का मुहूर्त शाम 5:47 बजे शुरू होगा और 10 नवंबर को शाम 7:43 बजे समाप्त होगा। मुहूर्त 1 घंटे 56 मिनट तक रहेगा। लोग इस दिन भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और कुछ नया खरीदते हैं।
11 नंवबर- नरक चतुर्दशी, जोकि छोटी दिवाली है
दूसरा दिन नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है, 11 नवंबर को मनाई जाएगी। ‘दीपदान शुभ मुहूर्त’ 11 नवंबर को शाम 05:29 बजे शुरू होगा और रात 8:07 बजे समाप्त होगा।
12 नंवबर- दिवाली खुशियों का त्योहार
द्रिक पंचांग के अनुसार दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त शाम 5:39 बजे से शाम 7:35 बजे तक रहेगा. मुख्य उत्सव का दिन दिवाली है, जब लोग लक्ष्मी पूजन करते हैं। दिवाली का मुख्य उत्सव इसी दिन मनाया जाता है।
13 नवंबर- गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
गोवर्धन पूजा का मुहूर्त प्रातः 06:43 बजे से प्रातः 08:52 बजे तक है। दिवाली के एक दिन बाद गोवर्धन पूजा मनाई जाती है और इस दिन लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। लोगों का मानना है कि भगवान कृष्ण ने ‘गोवर्धन’ नामक पर्वत उठाकर मथुरावासियों को भगवान इंद्र से बचाया था।
14 नंवबर- भाई दूज
अंतिम दिन भाई दूज का होता है। जो भाई बहनों के विशेष बंधन का त्योहार होता है। भैया दूज 14 नवंबर को है। इस दिन अपराहन का समय दोपहर 01:10 बजे से 03:19 बजे तक रहेगा। यह चंद्र कैलेंडर के शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन मनाया जाता है और रक्षाबंधन के समान है। हालांकि, आपको बता दें कि भाई दूज की तारीख को लेके असमंजस की स्थिति बनी हुई है। लेकिन द्रिक पंचांग के अनुसार 14 ही है।