नई दिल्ली: Happy Daughter’s Day: आप जानते ही होंगे कि भारत में हर साल सितंबर के चौथे रविवार को बेटी दिवस मनाया जाता है। इस साल ये 26 सितंबर को पड़ रहा है। आज से कुछ साल पहले हमारे भारतवर्ष में लड़कियों की स्थिति कैसी थी इससे आप भलीभांति परिचित होंगे। पुरुष प्रधान समाज में लड़कियों की कोई वैल्यू नहीं होती थी। कन्या भ्रूण हत्या की जाती थी। और तो और, बेटी पैदा होने पर उस माँ को भी छोड़ दिया जाता था। लेकिन आज समय काफी बदल गया है।
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Happy Daughter’s Day: हर क्षेत्र में बेटियाँ अपना हुनर दिखा रही हैं
समाज ने यह स्वीकार कर लिया है कि बेटियाँ आज किसी भी बात में बेटों से कम नहीं है। आज लोग बेटियों को भी उतना ही सम्मान देते हैं, जितना वह अपने बेटों को देते हैं। बेटियों को अपना कलेजे का टुकड़ा बनाकर रखते हैं। हर क्षेत्र में बेटियाँ अपना हुनर दिखा रही हैं, चाहे खेलकूद हो या शिक्षा का क्षेत्र। उनकी शिक्षा-दीक्षा अगर अच्छे से की जाए तो वह हर मुश्किल को पार करके माता-पिता का नाम रोशन कर सकती है। उन्हें खुला आसमान दिया जाए तो वह ऊँची उड़ान भर सकती है। आज बेटियाँ चाँद तक पहुँच गई है। यहाँ तक कि अब तो बेटियाँ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में भी शामिल होनो जा रही हैं।
Happy Daughter’s Day: बेटे मिलते हैं भाग्य से, मगर बेटियाँ सौभाग्य से
एक बेटी अपने माता-पिता के लिए भगवान का सबसे अच्छा उपहार है। ये तो आपने सुना ही होगा कि बेटे मिलते हैं भाग्य से, मगर बेटियाँ मिलती है सौभाग्य से। बेटियाँ अपने साथ पूरे परिवार की किस्मत बदल देती है। आज उन्हीं बेटियों को प्यार जताने का दिन है। विशेष रूप से यह दिन बेटियों को यह बताने के लिए मनाया जाता है कि वे कितनी खास हैं। उनके हौसले बुलंद करने के लिए बेटी दिवस मनाया जाता है। “डॉटर्स डे” मनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य ये सिनिश्चित करना है कि समाज में बेटियों को भी बेटे के बराबर ही महत्व व सम्मान दिया जाए। जिन परिवारों में बेटियाँ होती है, वो इस खास दिन पर बेटियों को उपहार देते हैं और उनके साथ जश्न मनाते हैं।