नई दिल्ली : सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टेलीविजन रेटिंग्स के विवाद के बीच ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल इंडिया को यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा, जब तक कि जांच को पूरी नही की जाती है। न्यूज चैनलों का टीआरपी घोटाला सामने आने के बाद टेलीविजन रेटिंग मापने वाली संस्था बार्क ने अगले 12 हफ्तों के लिए TRP मापने पर रोक लगा दी है।
BARC को लिखी चिट्ठी
बता दें कि इस मामले में 15 फरवरी को BARC को एक चिट्ठी लिखी गई थी । उसमे जानकारी दी गई कि टीआरपी घोटाले की जांच के लिए मंत्रालय ने 4 नवंबर 2020 को कमेटी का गठन किया दिया था । कमेटी मौजूदा रेटिंग सिस्टम की गड़बड़ियों की जांच कर रही है। साथ ही टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट खामियों को भी ध्यान में रखा जा रहा है। जिस सें आगे के सिस्टम को मजबूत और पारदर्शी बनाया जा सके। कमेटी ने अपनी सिफारिशों के साथ रिपोर्ट भी सौंप दी है। जिसकी अभी समीक्षा होनी है। ऐसे में BARC को निर्देश दिया जाता है कि रिपोर्ट की समीक्षा होने तक यथास्थिति को बरकरार रखना होगा।
डेटा को लेकर दखल की मांग
फेडरेशन के सदस्यों के कुछ लोगो ने मंत्री जावड़ेकर से टीआरपी घोटाले की जांच के संबंध में डेटा को लेकर दखल की मांग की थी । और दावा किया था कि न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन में किसी भी बदलाव के लिए तैयार हो गया था। लेकिन रेटिंग्स की पूर्ण अनुपस्थिति ने समाचार चैनलों की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर के रख दिया है। न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन से जुड़े एक सीनियर सदस्य ने बताया कि फंड के अभाव में छोटे चैनल भारी नुकसान उठा रहे हैं। जिस की वजह से कई ब्रांडों ने समाचार चैनलों की उपेक्षा करना शुरू कर दिया है। क्योंकि उनके पास उन्हें आकर्षित करने के लिए रेटिंग नहीं है।
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रेटिंग्स को सुरक्षित करना
इसके साथ ही BARC को भेजी गई चिट्ठी में न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन ने रेटिंग्स को सुरक्षित करने के लिए पिछले तीन महीनों में उनके द्वारा उठाए गए कदमों के जानकारी मागी है। वही एनबीए बोर्ड ने पिछले तीन महीने मेंजारी किए गए टीआरपी घोटाले से नुकसान पहुंचने की रीपोर्ट भी मांगी है। इस की वजह से न्यूज चैनलों को भारी वित्तीय नुकसान भी उठना पड़ता है। इसके के कारण BARC को स्पष्टीकरण देने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है।