लखनऊ- लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बीजेपी ने सोमवार को अपना संकल्प पत्र जारी किया। पार्टी ने अपने संकल्प पत्र को संकल्पित भारत, सशक्त भारत का टाइटल दिया है। बीजेपी के संकल्प पत्र को लेकर कई राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। एक तरफ कांग्रेस ने संकल्प पत्र को लेकर बीजेपी पर झांसा पत्र बताया, तो दूसरी तरफ बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इसको छलावा कहा।
BSP reaction on BJP manifesto pic.twitter.com/wh2Pb8sELc
— Mayawati (@Mayawati) April 8, 2019
जनता को ठगने का प्रयास’
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बीजेपी ने जिस लापरवाही, अलोकतांत्रिक और गैर-जिम्मेदाराना ढंग से पिछले चुनाव में जनता को ठगने का प्रयास किया था, ठीक उसी प्रकार से एक बार फिर घोषणाओं पत्र के माध्यम से एक बार फिर जनता को बरगलाने की कोशिश कर रही है, लेकिन काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है, मतलब झूठे जाल में एक बार ही फंसाया जा सकता है।
‘बीजेपी ने जनता से विश्वासघात किया’
वास्तव में घोर चुनावी वादाखिलाफी और जनता से विश्वासघात करने वाली बीजेपी को नया घोषणा पत्र जारी करने का नैतिक अधिकार नहीं है। बीजेपी पर विश्वास करना तो बहुत दूर की बात है, सबसे पहले उन्हें अपनी घोर विदाखिलाफी और जनविश्वास घात के लिए जनता से माफी मांगी चाहिए। मोदी सरकार ने पांच साल में सिर्फ अमीरों के लिए काम किया है।
‘अमीरों के अच्छे दिन आए’
मोदी सरकार में मुठ्ठी भर बड़े-बड़े बिजनेसमैन के अच्छे दिन छोड़कर देश की गरीब जनता को आज भी अच्छे दिनों और बैंक खाते में 15 लाख रुपए आने का इंतजार है। पिछले पांच सालों में देशवासी अच्छे दिन के बजाए बुरे दिनों का सामना कर रहा है। बीजेपी के नेता इसे वादा नहीं बल्कि जुमलेबाजी कहकर नकारते है। इसलिए ऐसी गरीब-विरोधी, गैर-जिम्मेदार व जुमलेबाज सरकार देशभक्ति कैसे हो सकती है। बीजेपी का असली चेहरा बेनकाब हो गया है। इनका घोषणा पत्र केवल छलावा है।