लखनऊ : एक तरफ जहाँ देश भर में मंदी की मार है और प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार लटकी हुई है, वहीँ सरकारी महकमें में काम करने वाले कर्मचारी भी महफूज़ नहीं है। एक तरफ जहाँ भ्रष्टाचार के आरोप में सरकारी कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है, वहीँ अब यूपी में 25 हज़ार होमगार्ड्स की नौकरी पर तलवार लटक रही है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 25 हज़ार होमगार्ड्स की सेवाएं समाप्त की जा सकती है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में यूपी सरकार को होमगार्ड्स को यूपी पुलिस के सिपाही के बराबर दैनिक भत्ता देने का आदेश दिया था। खबर है कि यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए होमगार्ड्स को यूपी पुलिस के सिपाही के बराबर दैनिक भत्ता देने को तैयार हो गयी है, लेकिन इससे राजकोष पर पड़ने वाले अतिरिक्त भार को कम करने के लिए 25 हज़ार होमगार्ड्स की सेवाएँ समाप्त की जा सकती है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब होमगार्ड्स को 500 के बजाय 672 रुपए दैनिक भत्ता मिलेगा। यानी प्रति होमगार्ड रोजाना 172 रुपए खर्च बढ़ेगा। मौजूदा समय में प्रदेश में 92 हजार होमगार्ड्स हैं, जिनमें से करीब 87 हजार ड्यूटी कर रहे हैं। अगर 172 रुपए रोजाना खर्च बढ़ता है तो 87 हजार होमगार्ड्स के लिए प्रतिदिन 1 करोड़ 49 लाख 64 हजार अतिरिक्त खर्च का बोझ सरकार को उठाना पड़ेगा। इसके अलावा सरकार को 6 दिसंबर 2016 से एरियर भी देना है। लिहाजा, इस अतिरिक्त खर्च से बचने का रास्ता होमगार्ड्स की तैनाती ख़त्म कर निकालने की तैयारी है। इस तरह सरकार रोजाना 1.68 करोड़ रुपए की बचत कर सकेगी।