नई दिल्ली: अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर 6 अगस्त से सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई हो रही है। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान निर्मोही अखाड़े ने अयोध्या की विवादित जमीन पर मालिकाना हक मांगा था। हालांकि, अभी दूसरे पक्ष की बातें सामने रखना अभी बाकी है।
मंगलवार को निर्मोही अखाड़ा ने रखे थे ये तर्क
निर्मोही अखाड़े ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अपने तर्क रखते हुए कहा कि 1850 से ही हिंदू पक्ष वहां पर पूजा करता आ रहा है। इसके साथ ही हिंदू पक्ष ने कहा कि 1949 से उस विवादित स्थल पर नमाज नहीं पढ़ी गई थी, ऐसे में मुस्लिम पक्ष का हक जताना पूरी तरह गलत है।
जब निर्मोही अखाड़े ने विवादित जमीन पर कब्जा देने की बात कही तो सीजेआई रंजन गोगोई ने अखाड़े से कई सवाल पूछे। सुनवाई के दौरान पूछा गया कि रामजन्मभूमि में एंट्री कहां से होती है, वहां पर सीता रसोई कहां पर है? इसके साथ ही निर्मोही अखाड़े को ये आदेश दिए गए कि वह अपना पक्ष रकते हुए मामले को विस्तार से समझाएं।
बता दें कि अयोध्या मामले में विवादित जमीन पर मुद्दे को हल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक मध्यस्थता की कमेटी भी गठित की थी, लेकिन मध्यस्थता से भी कोई निर्णय नहीं निकल पाया। अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में रोजाना सुनवाई के आदेश दिए। 6 अगस्त से इस मामले को लेकर रोजाना सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जा रही है।