बांग्लादेश में आम चुनावों में मची गहमागहमी और राजनीतिक हिंसा आरोप प्रत्यारोप के बीच चुनाव के परिणाम रविवार साम तक जनता के सामने है। जहां भारत के लिए ये बेहद उत्साहित करने वाले परिणाम है तो वहीं चीन को थोड़ा मायूसी हाथ लगी क्योंकि खालिदा जिया को भारत विरोधी रुख के लिए जाना जाता है । और परिणाम बांग्लादेश चुनाव के जो परिणाम सामने आये वो जिया के लिए बेहद निराशा जनक रहे ।
परिणामों का इशारा किस तरफ
भारत के साथ लगभग 4000 किलोमीटर की सीमा साझा करने वाले पड़ोसी देश के चुनाव परिणाम भारत को प्रभावित न करें ऐसा कैसे हो सकता है। नतीजें प्रभावित तो करेंगे और सायद इसीलिए भारतीय मीडिया की पैनी नजर बांग्लादेश के चुनाव के साथ उनके परिणामों पर लगी है।
इन परिणामों के विश्लेषण की ओर जहां पूरी मीडिया रुझान साफ दिख रहा है तो वहीं परिणामों का रुझान खालिदा जिया के विरोध में जा रहा है। 300 सीटों पर हुए बांग्लादेश के आम चुनाव में जहां शेख हसीना की पार्टी को 266 तो उसके सहयोगी जातीय पार्टी ने 21 सीटें हासिल की, पर अगर बात की जाये खालिदा की आगुवाई वाले गठबंधन नेशनल यूनिटी फ्रंट की तो ये समूचा गठबंधन महज सात सीटों मे ही समिट गया ।
चुनाव में हेरफेर की आशंका
चुनाव आयोग ने अभी तक केवल एक सीट गोपालगंज में जीत की पुष्टि की है। जिसमें शेख हसीना ने अपने प्रतिद्वंदी को धूल चटा दिया है। हसीना जहां 2,29,539 सीटें मिली तो वहीं प्रतिद्वंदी बीएनपी को केवल 123 सीटे ही नसीब हुईं। विरोधियों का इस तरीके से सूपड़ा साफ होते ही उधर चीख पुकार मचना लाजमी था और हुआ भी वही । आरोप लगाये जा रहे हैं कि ये चुनाव निष्पक्ष नहीं इसमें धांधली हुई और विरोधी दल इन परिणाओं को स्वीकार नहीं करेंगे ।