नई दिल्ली : भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में अपनी सादगी से सबका दिल जीतने वाली अभिनेत्री विद्या सिन्हा., अपने अभिनय से प्रसिद्धि के शिखर तक पहुंची. 15August, 2019 को जुहू के एक प्राइवेट अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली. 71 वर्षीय विद्या को सांस लेने में तकलीफ होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था, लेकिन फेफड़े और हृदय संबंधी बीमारी के कारण उनका निधन हो गया.
फिल्म रजनीगंधा से मशहूर हुई विद्या सिन्हा ने बतौर मॉडल अपने करियर की शुरुआत की थी. वो मिस बॉम्बे भी बनी. विद्या के पिता राणा प्रताप सिन्हा भी इंडस्ट्री में एक प्रोड्यूसर थे. विद्या के माडलिंग करियर के दौरान उनकी एक फोटो मैगज़ीन में छपी थी, जिसे मशहूर फिल्मकार बासु चटर्जी ने देखा और इसके बाद उनके जिंदगी में आई फिल्म ‘रजनीगंधा’, जिस फिल्म ने इतिहास रच दिया.
1974 में आई यह फिल्म मशहूर कहानीकार मन्नू भंडारी की कहानी ‘यही सच है’ पर बनी थीं. इस फिल्म में लता मंगेशकर का गाया शीर्षक गीत ‘रजनीगंधा फूल तुम्हारे’ को आज भी लोग चाव से सुनते हैं. इस मूवी में अमोल पालेकर और दिनेश ठाकुर इनके सह कलाकार थे. हालाँकि विद्या सिन्हा ने कही भी एक्टिंग की विधिवत शिक्षा नहीं ली लेकिन इस फिल्म में अपने को-एक्टर्स की मदद से उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन दिया और फिर वो इतनी पॉपुलर हुई की इसके बाद विद्या सिन्हा को बी. आर चोपड़ा की फिल्म में काम करने का मौका भी मिल गया.
बी. आर चोपड़ा बैनर हिंदुस्तान के बड़े बैनर्स में से एक था, जिससे उनके करीयर को एक बड़ी उड़ान मिली. 1970में उन्होंने राजेश खन्ना जैसे बड़े सुपरस्टार के अपोजिट काम किया, हालाँकि वो नर्वस तो हुई लेकिन काका ने उन्हें काफी सपोर्ट और गाइड किया. उसके बाद तो इन्होंने अपने करियर में कभी पीछे मुड़ कर देखा ही नहीं. बतौर एक्ट्रेस इन्होने संजीव कुमार, शशि कपूर, विनोद खन्ना, विनोद मेहरा और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे कई बड़े कलाकारों के साथ काम किया. विद्या के पॉपुलर फिल्मों की लिस्ट में ‘पति पत्नी और वो’, ‘हवस’, ‘मेरा जीवन’ , ‘इन्कार’, ‘किताब’ , ‘सफेद झूठ’, ‘सुबूत’, ‘लव स्टोरी’, ‘जोश’ शामिल है. लेकिन उनकी फिल्म रजनीगंधा (1974) और ‘छोटी सी बात’ (1975) की परफॉरमेंस ने ऑडियंस का दिल जीत लिया था.
उनकी नेचुरल एक्टिंग स्किल्स को सभी ने काफी सराहा और आज भी उनकी ऐसी खासियत के कारण फिल्मों को याद किया जाता है और इन फिल्मों ने ही उन्हें अमर बना दिया. उन्न्नीस सौ अड़सठ में महज 21 साल की उम्र में उनकी शादी वैंकटेश्वर अइयर से हुई. उनके पति काफी सुलझे हुए थे. उन्होंने ही अपनी पत्नी को फिल्म रजनीगंधा में काम करने के लिए मोटीवेट किया. तक़रीबन 12 साल वो इंडस्ट्री से जुड़ी रही, लेकिन अस्सी के दशक में बॉलीवुड इंडस्ट्री में मिडिल क्लास किरदार और सिंपल लुक का ट्रेंड थोड़ा चेंज होने लगा, इसलिए उन्होंने एक्टिंग से किनारा कर लिया और अपने फैमिली के तरफ ध्यान देने लगी.
1989 में उनकी बेटी का जन्म हुआ, जिसकी परवरिश में वो पूरी तरह जुट गई, लेकिन 1996 में उनके पति की तबियत ख़राब होने के कारण मृत्यु हो गई. पति के मौत के कुछ साल तक अकेले रहने के बाद 2001 में विद्या ने नेता जी भीम राओ सालंके से शादी की, लेकिन यह ज्यादा दिन चल नहीं पाई. अपनी बेटी की परवरिश में विद्या इतनी मशगूल थी कि उन्होंने फिल्मों की ओर दुबारा मुड़ कर नहीं देखा, लेकिन जब उनकी बेटी ने उन्हें फिर अपनी कला को आगे बढ़ाने को प्रोत्साहित किया, तब जा कर एक बार फिर अभिनय के क्षेत्र में विद्या ने अपना कदम 2000 में टीवी सेरियल्स के जरिए रखा. ‘इश्क का रंग सफेद’ ‘चंद्र नंदिनी’ जैसी कई धारावाहिकों में उन्होंने काम किया. वही इसके साथ ही फिल्मों में भी उन्होंने अभिनय किया.
विद्या एक ऐसी अभिनेत्री थी जिन्होंने अपने काम के जरिये पूरी इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई और अपने वियूवर्स का हमेशा दिल जीता. अपने बेहतरीन काम की वजह विद्या सिन्हा हमेशा याद की जाएंगी.