नई दिल्ली : भारत में आरक्षण की व्यवस्था के तहत एससी-एसटी छात्रों को सरकारी शैक्षणिक संस्थानों के कोर्स फीस या फिर एग्जाम के लिए फीस में रियायत मिलती है। लेकिन इस बार सीबीएसई ने कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए एससी-एसटी छात्रों के द्वारा दी जाने वाली फीस में 24 गुना बढ़ोतरी कर दी है, जबकि सामान्य वर्ग के छात्रों द्वारा दी जानेवाली फीस दोगुनी वृद्धि की गयी है। दिव्यांग छात्रों को अभी भी किसी तरह की कोई फीस जमा नहीं करनी होगी।
सीबीएसई के नए आदेश के तहत एससी-एसटी छात्रों को अब 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए 1,200 रुपये फीस देना पड़ेगा, जबकि पहले महज़ 50 रूपये की फीस लगती थी। वहीँ सामान्य वर्ग की छात्रों को अब 750 रूपये की जगह 1500 रुपये भुगतान करना होगा। 12वीं बोर्ड एग्जाम में अतिरिक्त विषय की परीक्षा देने पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं को अब 300 रुपये देने होंगे, जबकि पहले कोई एक्स्ट्रा फीस नहीं देनी पड़ती थी। जनरल कैटिगरी के स्टूडेंट्स को एडिशनल सब्जेक्ट की परीक्षा देने पर 150 की बजाय अब 300 रुपये चुकाने होंगे।
100 प्रतिशत दृष्टिहीन छात्रों को सीबीएसई परीक्षा शुल्क का भुगतान करने से छूट दी गई है। जो छात्र अंतिम तिथि से पहले सीबीएसई परीक्षा शुल्क के अंतर जमा करने में विफल रहते हैं, उनको रजिस्टर्ड नहीं किया जाएगा और उन्हें 2019-20 परीक्षा में उपस्थित होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। माइग्रेशन फीस जो पहले 150 रुपये थी, उसे भी बढ़ाकर 350 रुपये कर दिया गया है।