नई दिल्ली : सोनभद्र में जमीनी विवाद को लेकर हुए खुनी संघर्ष में 10 लोगों की मौत और करीब दो दर्ज़न लोगों के घायल होने की घटना को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने वाराणसी के ट्रामा सेंटर में भर्ती, खुनी संघर्ष में घायल लोगों से मुलाक़ात की, जिसके बाद उनका काफिला सोनभद्र के लिए रवाना हुआ, लेकिन मिर्ज़ापुर में उनके काफिले को रोक कर उन्हें हिरासत में ले लिया गया। प्रियंका गाँधी को हिरासत में लिए जाने को लेकर कांग्रेस ने योगी सरकार पर हमला बोला है।
कांग्रेस ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि योगी सरकार अहंकारी है। कांग्रेस पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को देशभर में धरना प्रदर्शन करने को कहा है। उन्होंने प्रियंका गांधी के गिरफ्तारी की घोर निंदा की है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार अपनी नाकामियां छिपा रही है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल सोनभद्र में जमीनी विवाद को लेकर हुए खुनी संघर्ष में घायल लोगों का हालचाल जानने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी आज वाराणसी के ट्रामा सेंटर पहुंची। घायलों से मिलने के बाद वो सोनभद्र के लिए रवाना हुई, लेकिन मिर्ज़ापुर में ही उनका काफिला रोक लिया गया। इसके बाद वो बीच सड़क पर ही धरने पर बैठ गयी। मौके पर पहुंचे पुलिस बल के साथ पहुंचे वाराणसी के डीएम और एसएसपी ने उन्हें हिरासत में लेकर चुनार किले के गेस्ट हाउस ले जाया गया, जहाँ प्रियंका गांधी का धरना जारी है। प्रियंका ने कहा कि मैं सोनभद्र जरूर जाऊंगी और पीड़ितों से मुलाकात करूंगी।
हिरासत में लिए जाने से पहले वहीं प्रियंका गाँधी ने कहा कि वो सोनभद्र में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलना चाहती है। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ 4 लोगों के साथ सोनभद्र जाना चाहती थी, बावजूद इसके मुझे वहां जाने से रोका गया। मैं जानना चाहती हूँ कि किस आधार पर मुझे वहां जाने से रोक दिया गया। वहीं हिरासत में लिए जाने के बाद भी उनका धरना जारी है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने किस आधार पर हिरासत में लिया है, ये नहीं बता रही है। पुलिस मुझसे अपहरणकर्ताओं जैसा व्यवहार कर रही है।