नई दिल्ली : ठंड की दस्तक के साथ ही देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण (Delhi Air Pollution) का स्तर भी दिनों दिन बढ़ता जा रहा है कुछ दिन पहले दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ की श्रेणी में थी लेकिन क्या आपने सोचा है कभी हर साल अक्टूबर में ही क्यों दिल्ली में बढ़ जाता है प्रदूषण।
एक तरफ देश में कोरोना संकट है तो दूसरी तरफ इन दिनों एक और संकट बढ़ता जा रहा है और वो संकट है सांसों का… वजह है एनसीआर की लगातार खराब होती हवा दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर हर दिन बढ़ता जा रहा है लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी है …कोरोना काल के बीच प्रदूषण का ये स्तर लोगों को डरा रहा है जब भी प्रदूषण की बात होती है तो चर्चा का केंद्र पराली बन जाती है यहां तक कि सरकार के नुमाइंदे भी ये कहने से परहेज नहीं करते कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलने के कारण प्रदूषण बढ़ जाता है लेकिन सवाल ये है कि हर साल अक्टूबर में ही कैसे दिल्ली में प्रदूषण (Delhi Air Pollution) बढ़ जाता है क्या इसके पीछे की वजह पराली ही है ? दरअसल प्रदूषण बढ़ने का सबसे बड़ा कारण पड़ोसी राज्य़ों में जलने वाली पराली ही होती है हाल ही में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी महज 4 फीसदी है अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, आमतौर पर अक्टूबर में उत्तर पश्चिम भारत में मानसून की वापसी का वक्त होता है मानसून के दौरान, हवा की दिशा पूर्व में होती है यानी पुरवैया चलती है बंगाल की खाड़ी के ऊपर से चलने वाली ये हवाएं देश के इस हिस्से में बारिश और नमी लाती हैं लेकिन जब मानसून खत्म हो जाता है तो हवाओं की दिशा उत्तर की तरफ हो जाती है, वहीं गर्मी के दौरान हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम की ओर होती है जो राजस्थान और कभी-कभी पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धूल उड़ाकर लाती है।
दिल्ली के 13 हॉटस्पॉट की माइक्रो लेवल पर निगरानी शुरू कर दी है। एमसीडी के 9 डिप्टी कमिश्नरों को दिल्ली में इन इलाकों का नोडल अधिकारी बनाया गया है। इन सभी को 14 अक्तूबर तक विस्तृत रिपोर्ट देनी है। इसक आधार पर सरकार एक्शन प्लान तैयार करेगी। इस बारे में सोमवार को दिल्ली सचिवालय में ऑनलाइन मीटिंग हुई। इस मीटिंग में पर्यावरण विभाग के अधिकारी व एमसीडी कमिश्नर उपस्थित रहे।
रडार पर दिल्ली के ये 13 हॉटस्पॉट
- मुंडका
- आशोक विहार
- बवाना
- द्वारका
- नरेला
- आनंदविहार
- रोहिणी
- विवेक विहार
- वजीर पुर
- ओखला
- जहांगीरपुरी
- आर.के.पुरम
- पंजाबी बाग
पराली जलाने पर कार्रवाई
पराली जलाने पर पंजाब, हरियाणा और यूपी में लगातार एक साथ सैकड़ों किसानों पर एफआईआर की जा रही है. प्रदूषण फैलाने पर ‘द एयर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल एक्ट’ के तहत 500 से 15,000 रुपये तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है. बावजूद इसके धड्डले से पाराली जलाई जा रही है।