नई दिल्ली: कश्मीर मुद्दे पर दिए डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर अमेरिका पर जब भारतीय विदेश मंत्रालय का दबाव बढ़ा, तो व्हाइट हाउस को इस बयान पर सफाई पेश करनी पड़ी। व्हाइट हाउस ने कहा है कि कश्मीर मसला भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मसला है। इसलिए ये मसला दोनों देश बातचीत के जरिए सुलझा सकते हैं।
इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्रंप के बयान का खंडन करते हुए कहा कि भारत ने कभी भी कश्मीर के मुद्दे पर अमेरिका से मध्यस्थता की मदद नहीं मांगी। सूत्रों की मानें तो इसके बाद वाशिंगटन में भी भारतीय अधिकारियों ने व्हाइट हाउस और विदेश मंत्रालय के सामने इस मुद्दे को रखा, जिसके बाद व्हाइट हाउस को सफाई जारी करने पर मजबूर होना पड़ा।
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Sources
India lodged a strong protest in the wrongful attribution of a quote to PM @narendramodi by Prez @realDonaldTrump regarding #Kashmir.@WhiteHouse has clarified US' position. US policy consistent over decades. Kashmir has to be resolved "bilaterally".@PressSec pic.twitter.com/ojaHyuL3eR— Geeta Mohan گیتا موہن गीता मोहन (@Geeta_Mohan) July 23, 2019
व्हाइट हाउस की ओर से जो बयान जारी किया गया है उसमें कहा गया है, ‘पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों के खिलाफ कुछ कार्रवाई की है, लेकिन उसे अपनी ज़मीन से आतंक को पूरी तरह खत्म करने की जरूरत है। इसी के साथ व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका की हमेशा से नीति रही है कि कश्मीर मसला भारत और पाकिस्तान के बीच का मुद्दा है।’
बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। इस दौरान ट्रंप ने कश्मीर मसले पर मध्यस्थता की पेशकश करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझसे कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने को कहा है, अगर मुझे ऐसा करने को कहा जाता है तो वह इसके लिए तैयार हैं। ट्रंप के इस बयान का न सिर्फ भारत बल्कि अमेरिका के भी कई सांसदों ने डोनाल्ड ट्रंप के बयान का विरोध किया है।