नई दिल्ली : INX मीडिया केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। बता दें कि इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम इस समय सीबीआई की कस्टडी में है। एक तरफ जहाँ इस मामले में सीबीआई द्वारा पी चिदंबरम पर शिकंजा कसा जा रहा है, वहीँ प्रवर्तन निदेशालय भी इस मामले द्वारा भी चिदंबरम पर शिकंजा कसा जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने जहाँ चिदंबरम को ईडी की गिरफ्तारी से मिली राहत एक और दिन के लिए बढ़ा दी थी, वहीँ आज सुप्रीम कोर्ट में ED की तरफ से कहा गया कि भले ही चिदंबरम कह रहे हों कि कथित लेनदेन इसके गैरकानूनी होने से पहले का है, लेकिन हम बताएंगे कि कानून बनने के बाद भी अवैध लेनदेन (मनी लॉन्ड्रिंग) होता रहा।
वहीँ चिदंबरम की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चिदंबरम के खिलाफ जिस धनशोधन कानून के उल्लंघन का आरोप बताया जा रहा है, वह कानून ही 2009 में बना, जबकि आरोप 2007-2008 के हैं। सिंघवी ने कहा कि एजेंसी द्वारा वांछित जवाब न देने का मतलब यह नहीं कि चिदंबरम ईडी के प्रश्नों से भाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-20 व 21 के तहत नागरिकों को मिले अधिकार को युद्ध और आपात काल के वक्त भी निलंबित नहीं किया जा सकता।
वहीँ चिदंबरम की पैरवी कर रहे एक अन्य वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मुवक्किल से पिछले साल 19 दिसंबर, एक जनवरी और 21 जनवरी, 2019 को की गई पूछताछ का लिखित ब्यौरा पेश करने के लिए ईडी को निर्देश दे। इससे पता चल जाएगा कि क्या चिदंबरम पूछताछ के दौरान जवाब देने से बच रहे हैं, जैसा कि ईडी आरोप लगा रही है। सिब्बल ने कहा कि ईडी अचानक पीछे से कोर्ट को दस्तावेज थमाकर चिदंबरम की हिरासत नहीं मांग सकता।