नई दिल्ली: सीबीआई अधिकारी आलोक वर्मा पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सेलेक्ट कमेटी द्वारा पद से हटाये जाने वाले पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को लेकर पद के दुरुपयोग की बातें सामने आ रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक सीवीसी की रिपोर्ट में दावा किया गया है। कि अलोक वर्मा उत्तर प्रदेश में कई मामलों में पद का दुरुपयोग किया था। जानकारी है कि सीवीसी की रिपोर्ट में आलोक वर्मा को लेकर मिली शिकायतों की एक लंबी फेहरिस्त तैयार की गयी थी। जिसमें बहुत से मामले यूपी से संबंधित हैं।
दरअसल हुआ ये था कि यूपी एटीएस के एएसपी राजेश साहनी की आत्महत्या के मामले को सीबीआई चीफ आलोक वर्मा ने हाथ में लेने से साफ मना कर दिया था । इसके अलावा यूपी कैडर के एक आईपीएस को सीबीआई में तैनाती की पुरजोर कोशिश हो या फिर बसपा कार्यकाल में हुए NRHM घोटाले में शामिल एक मंत्री को क्लीन चिट देने की कोशिश का भी मामला हो।
इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय के एक असिस्टेंट डायरेक्टर एनबी सिंह को रिश्वत के मामले में गिरफ्तार करने वाले सीबीआई अधिकारी को एक्सटेंशन न देने का मामला भी सामने आया है। इन सारी अनियमिताओं ने भी सेलेक्ट कमेटी का ध्यान खींचा होगा। या फिर हो सकता है कि इन अनियमितताओं के कारण ही आलोक वर्मा को पद से हटाने का फैसला किया हो ।