International Men’s Day : महिला दिवस की तुलना में फीका आयोजन !
नई दिल्ली : 8 मार्च को जिस तरह अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है, उसी तरह 19 नवंबर को अन्तर्राष्ट्रीय पुरूष दिवस (International Men’s Day) भी मनाया जाता है। 19 नवंबर एक ऐसा दिन होता है जो कि पुरूषों के लिए काफी अहम दिन होता है। अन्तर्राष्ट्रीय पुरूष दिवस 80 देशों में मनाया जाता है। बता दें कि इस साल मेन्स डे कि थीम मेकिंग ए डिफरेंस फॉर मेन एंड बॉय है।
कुछ लोगों के दिमाग की उपज थी International Men’s Day
8 मार्च को अगर अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है तो पुरूष दिवस क्यों नही मनाया जाता है ? ऐसी सोच 1923 में कुछ पुरूषों के दिमाग में आई थी। उनका मानना था कि अगर महिला दिवस मनाया जाता है तो पुरूष दिवस क्यों नही मनाया जाता है। इसी को लेकर कुछ पुरूषों ने आन्दोलन भी किया था और उस समय कुछ लोगों ने 23 फरवरी को अन्तर्राष्ट्रीय पुरूष दिवस मनाने की मांग भी करने लगे थे।
त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों ने 19 नवंबर 1999 में पहली बार मनाया International Men’s Day
इसी को देखते हुए अमेरिका के एक जर्नलिस्ट जॉन पी. हैरिस ने एक आर्टिकल लिखा, उन्होंने लिखा था कि सोवियत प्रणाली में संतुलन की कमी है। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि सोवियत प्रणाली महिलाओं के लिए अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाती है लेकिन पुरूषों के लिए किसी प्रकार का दिन नही मनाती। इसी के बाद सबसे पहले अन्तर्राष्ट्रीय पुरूष दिवस त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों ने 19 नवंबर 1999 में मनाया।
भारत में सबसे पहले 2007 में मनाया गया International Men’s Day
बता दें कि भारत में सबसे पहले अन्तर्राष्ट्रीय पुरूष दिवस 2007 में मनाया गया। हालांकि बाहर विदेशों में अन्तर्राष्ट्रीय पुरूष दिवस काफी अच्छे ढंग से मनाया जाता हैं। कार्यक्रम होते हैं, पार्टियां होती हैं। लेकिन भारत में भी अब कुछ इसी तरह से मनाया जाने लगा है। लेकिन एक बात तो सच है कि जिस तरह से महिला दिवस मनाया जाता जिस उत्साह से मनाया जाता है। उतने उत्साह के साथ पुरूष दिवस नही मनाया जाता है। हालांकि सोशल मीडिया पर इसकी खूब धूम दिखने को मिलती है।