श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा दिया है। इस अनुच्छेद को हटाने की जब कवायद शुरू हुई थी तो घाटी की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि अगर मोदी सरकार ने ऐसा किया तो वह आग के साथ खेलने जैसा काम करेगी, लेकिन गनीमत है कि घाटी से ऐसी कोई खबर सामने नहीं आई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इसकी जानकारी दी।
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि कश्मीर घाटी में हिंसा की कोई भी खबर गलत है। दक्षिण, उत्तर और मध्य कश्मीर में पूरी तरह से शांति का माहौल है। दरअसल, घाटी में पहले ही सुरक्षा के मद्देनजर सुरक्षाबलों की 40 कंपनियों को तैनात किया गया था।
बता दें कि सुरक्षाबल अभी भी घाटी में मौजूद है और वे अगले आदेश तक वहीं रहेंगे। वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी राज्य के हालात का जायजा लेने के लिए श्रीनगर में होंगे। श्रीनगर और जम्मू में धारा 144 लागू हो चुकी है और करीब एक लाख जवान मोर्चा संभाले हुए हैं।
बता दें कि घाटी में मोबाइल, इंटरनेट सेवा और लैंडलाइन सेवा भी बंद है। ऐसा पहला मौका है कि जब लैंडलाइन सर्विस को भी बंद कर दिया गया है। करगिल युद्द में भी लैंडलाइन का बंद नहीं किया गया था। फिलहाल घाटी में सेना और वायुसेना को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है।