Levis Jeans : आज के पसंदीदा फैशन ट्रेंड को मजूदरों के लिए किया गया था तैयार
नई दिल्ली : हर मौसम में पहनने के लिए अलग-अलग कपड़ों का इस्तेमाल किया जाता हैं, लेकिन जींस (Levis Jeans) ऐसे कपड़ों के अन्तर्गत आती है, जो हर मौसम में पहनने के लायक होती है। लड़के और लड़कियां सभी इसमें कंफर्टेबिल होते थे। जींस ही कप़ड़ों में ऐसी चीज है, जिसका फैशन हमेशा रहा है। तो आइये आज आपको बताते हैं, जींस के बारे में कुछ खास बातें।
Levis Jeans की सबसे पुरानी जींस की जोड़ी लगभग पांच करोड़
लिवाइस्ट्रॉस एक ऐसे शख्स थे, जिन्होंने जींस की खोज की था। इनकी एक कंपनी है जिसका नाम लेवी स्ट्रॉस है। इनकी जींस बहुत मशहूर है। बता दें कि सबसे पुरानी जींस की जोड़ी लगभग पांच करोड़ रूपए की है। यह जींस अभी भी सैन फ्रांसिस्को की एक चिजोरी में हैं रखी है।
लिवाइस्ट्रॉस 18 साल के थे जब वे अपनी मां और बहन के साथ न्यूयॉर्क आ गए। यहां इनके भाइयों का ड्राई गुड्स का बिज़नेस था। यहां आ कर ये अपने बड़े भाइयों के साथ उनके काम में हाथ बटानें लगे। अपने भाइयों के बिज़नेस को आगे बढ़ान के लिए ये सैन फांसिस्को आ गए। सैन फ्रांसिस्को में इन्होंने ड्राई-गुड्स का व्यवसाय बीस साल तक चलाया। इसके साथ ही इन्होंने सामजसेवा भी की जिसके चलते इन्होंने काफी नाम कमा लिए। सैन फ्रांसिस्को में चांदी की खाने थी। अब चांदी की खान थी तो वहां खनिकों का होना लाज़िमी था। लेकिन उन खनिकों के साथ एक दिक्कत थी। दिक्कत ये थी कि जब वे चांदी के ढेलों को अपनी पैंट की जेब में डालते थे तो जेब फट जाती थी। इसीलिए वह चाहते थे कि उनकों एक ऐसी पैंट मिल जाए जो मज़बूत होने के साथ लंबे समय तक चले।
मजदूरों की परेशानी से निकला Levis Jeans बनाने का आईडिया
एक दिन हुआ कुछ यूं कि एक खनिक जिसका नाम अल्कली आइक था। वह जेकब डेविस के पास पहुंचा, जो कि एक दर्ज़ी थे। वहां पहुंच कर अल्कली ने अपनी परेशानियां बताई और साथ ही उसका हल निकालने का अनुरोध किया। डेविस ने अल्कली की बात सुनकर एक उपाय निकाला। डेविस ने पैंट को मज़बूत बनाने के लिए एक तरकीब सोची। उन्होंने पैंट की जिस जगह पर ज़्यादा ज़ोर पड़ता है। वहां उन्होंने तांबे की रिवेट लगा दी। जैसे कि जेब के चारों कोनों और बटन फ्लाय पर। अल्कली ने इस पैंट को काफी पसंद किया क्योंकि इससे उनकी समस्या का हल निकल आया था। डेविस को धन्यवाद देने जब अल्कली पहुंचे तो डेविस को लगा कि इससे तो ज़्यादातर खनिको की समस्या हल हो सकती है।
डेविस ने अपने इस आइडिया को अपनी पत्नी से साझा किया लेकिन उन्होंन इसे फिज़ूल बता कर उनको मना कर दिया। लेकिन डेविस को अपने ऊपर पूरा भरोसा था। अपनी खोज का पेटेंट लेने के लिए डेविस इच्छुक थे। उस समय इस पेटेंट की करीब 68 डॉलर थी। लेकिन डेविस के पास उतने पैसे नही थे। इसीलिए उन्होंने लिवाइ स्ट्रॉस के पास जाने का सोचा। डेविस, स्ट्रॉस से कपड़े उधार लेने लगे थे। एक दिन डेविस ने स्ट्रॉस के सामने प्रस्ताव रखा कि यदि वह पेटेंट की भर दें तो दोनों लोग ही उस पेटेंट के आधे-आधे मालिक बन जायेंगे।