नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर पर सरकार द्वारा लिए गए बड़े फैसले के बाद पाकिस्तान बौखला गया और इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले गया, लेकिन चीन को छोड़कर अन्य किसी भी देश ने इस मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ नहीं दिया और इस मुद्दे को भारत को आंतरिक मुद्दा बताते हुए पाकिस्तान को ही नसीहत दी. इस पुरे घटनाक्रम ने एक बार फिर पीएम मोदी की बेजोड़ कूटनीति को साबित किया, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की हालत विस्थापितों की तरह हो गयी.
मोदी सरकार की बेजोड़ कूटनीति का ही परिणाम रहा कि दुनिया के मुस्लिम देशों ने भी पाकिस्तान का साथ कश्मीर मुद्दा पर नहीं दिया. पाकिस्तान ने भले ही भारत के साथ द्वीपक्षीय व्यापार पर रोक लगा दी हो, लेकिन सऊदी अरब ने भारतीय कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ 15 बिलियन डॉलर की डील कर मानो पाकिस्तानी हुकूमत के जले पर नमकछिडकने का ही काम किया है.
बात दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका की करें, तो कश्मीर मुद्दे को लेकर अमेरिका भी भारत के साथ खड़ा नज़र आया. अमेरिका ने न सिर्फ कश्मीर मुद्दे पर भारत का साथ दिया, बल्कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तानी पीएम इमरान खान को फ़ोन कर भारत के खिलाफ बयानबाज़ी में संयम बरतने की नसीहत तक दी.
भारत के अभिन्न दोस्त रूस ने इस मुद्दे पर एक बार फिर अपनी दोस्ती निभाई और खुलकर भारत का समर्थन किया. रूस के अलावा फ़्रांस, ब्रिटेन और जापान जैसे देशों ने भी इस मुद्दे पर भारत का साथ देकर ये साबित कर दिया कि भारत की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर उस ताकतवर देश की है, जिसके खिलाफ जाने की हिमाकत कोसी भी देश नहीं करता.