लॉकडाउन पर स्थिति साफ़ नहीं , वीसी के जरिये प्रधानमंत्री की सांसदों से चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एनडीए और विपक्षी दलों के 16 सांसदों के साथ कोरोना संकट पर चर्चा की। इस दौरान कोरोना रोकथाम के लिए किए जा रहे कामों पर चर्चा हुई। यह पहली बार है जब मोदी ने विपक्षी सांसदों के साथ कोरोना पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इससे पहले वे सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, क्रिकेटर्स, फिल्मी सितारों और मीडिया प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर चुके हैं।बैठक के बाद बीजद सांसद पिनाकी मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लॉकडाउन एकसाथ नहीं हटाया जाएगा। वहीं सांसद चिराग पासवान ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये प्रधानमंत्री ने सांसदों से लॉकडाउन को लेकर भी चर्चा हुई जिसमे कुछ सांसदों का मत है कि लॉकडाउन को आंशिक रूप से कुछ जगहों से हटाया जाये जबकि कुछ सांसद लॉकडाउन हटाने के पक्ष में बिलकुल भी नहीं हैं । मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमें बताया कि कोरोना संक्रमण से पहले और उसके बाद का जीवन एक जैसा नहीं होगा। मोदी ने कैबिनेट की बैठक में भी यही संकेत दिए थे कि लॉकडाउन एकसाथ नहीं हटाया जाएगा। इसके अलावा 5 राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और केरल के मुख्यमंत्री भी लॉकडाउन को बढ़ाए जाने के पक्ष में हैं। पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से कोरोना के मरीजों में इजाफा हुआ है उसे देखते हुए लॉकडाउन को हटाने को लेकर संशय लाज़िम है।
पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये विपक्षी सांसदों से हुई चर्चा
मोदी के साथ चर्चा में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंधोपध्याय, शिवसेना के संजय राउत, बीजद के पिनाकी मिश्रा, राकांपा के शरद पवार, सपा के रामगोपाल यादव, शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, वाईएसआरसीपी के विजय साई रेड्डी, मिथुन रेड्डी और जदयू के राजीव रंजन समेत कई सांसद शामिल हुए। कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार लॉकडाउन को 14 अप्रैल के बाद बढ़ा सकती है। एक अन्य नेता ने नाम ना जाहिर करने की शर्त पर कहा कि प्रधानमंत्री इस संबंध में मुख्यमंत्रियों से भी सलाह लेंगे। यह पहली बार है जब मोदी ने विपक्षी सांसदों के साथ कोरोना पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इससे पहले वे सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, क्रिकेटर्स, फिल्मी सितारों और मीडिया प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर चुके हैं।
लॉकडाउन हटाने पर स्थिति साफ नहीं
लॉकडाउन हटाने पर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है, ज्यादातर राज्य लॉकडाउन को बढ़ाना चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में विपक्षी सांसदों से लॉकडाउन हटाने और सांसद निधि में कटौती के विषय पर चर्चा की।गौरतलब है कि सांसद निधि में कटौती को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने नाराजगी जाहिर की थी। वहीं, लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्म होने वाला है। देश में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। भारत में मौत की संख्या भी बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में लॉकडाउन को हटाया जाये या नहीं इसे लेकर लगातार प्रधानमंत्री चर्चा कर रहे हैं। फ़िलहाल, कई राज्यों ने इसे जारी रखने का सुझाव दिया है। कोरोना पर गठित मंत्री समूह ने भी स्कूल-कालेज, शॉपिंग मॉल और धार्मिक स्थल 15 मई तक बंद रखने की सिफारिश की है। ऐसे में लॉकडाउन को हटाया जाना संभव नहीं है। एकतरफ कुछ सुझाव ये भी हैं की आंशिक रूप से लॉकडाउन हटाया जाये वहीं दूसरी तरफ, मंत्री समूह की राय है कि लॉकडाउन 14 अप्रैल से आगे नहीं बढ़ने की सूरत में भी ये गतिविधियां बंद ही रहनी चाहिए। साथ ही, धार्मिक केंद्रों और मॉल जैसे सार्वजनिक स्थानों पर ड्रोन से भीड़ की निगरानी की जाए। मंत्रीसमूह की बैठक मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई थी।
शनिवार को प्रधानमंत्री राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे
प्रधानमंत्री 11 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ तीसरी बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 मार्च और 3 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी। इस चर्चा में राज्य से जिला स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट पर काम करने को कहा था। उन्होंने कहा था कि अब हमारा फोकस ‘टेस्टिंग और क्वारैंटाइन’ सुविधाओं पर होना चाहिए।मोदी ने राज्यों को ‘हेल्थ केयर ह्यूमन रिसोर्स’ में बढ़ोतरी करने और ‘फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर्स’ को ऑनलाइन ट्रेनिंग दिलाने की सलाह दी थी। वहीं, रिटायर्ड हेल्थ वर्कर्स, एनएसएस, एनसीसी, सामाजिक कार्यकर्ताओं को शामिल कर फोर्स बनाने के लिए कहा। मोदी ने कहा कि ये लोग सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन कराने में मदद करेंगे। इस तरह से पिछले दो चर्चाओं में नरेंद्र मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों को युद्ध स्तर पर काम करने को कहा था। ऐसे में, 11 अप्रैल को होने वाली तीसरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर पूरे देश की निगाहें टिकी होंगी।
कोरोना एक नज़र
देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की दहशत दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रही है। देश हीं नहीं बल्कि समूचा विश्व कोरोना की चपेट में है। वर्तमान में कोरोना पुरे विश्व के सामने चुनौती बन गया है। यूँ तो कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा चीन के लोग पीड़ित हैं। यहां लगभग 3500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा इटली और ईरान में भी कोरोना वायरस से कई लोगों की मौत हो चुकी है।कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग और हेल्थ एक्सपर्ट द्वारा स्वच्छता को लेकर कई सलाह लगातार दिए जा रहे हैं । केंद्रिय स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) द्वारा लोगों से अपील की गई है कि वे बार-बार ३० सेकंड तक हाथ धोएं और साथ हीं सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। अगर आप कहीं बाहर जा रहे हैं, तो बैग में सैनिटाइजर जरूर रखें। इसके अलावा मास्क का उपयोग हमेशा करें।खुद को कोरन्टाइन करें। विशेषज्ञों द्वारा सलाह देने के बावजूद कोरोना वायरस को फैलने से रोकना मुश्किल सा होता जा रहा है।