नई दिल्ली: रिजर्व बैंक की ओर से आम लोगों को राहत मिली है। दरअसल, आरबीआई ने लगातार चौथी बार रेपो रेट में कटौती की है। इस कटौती के बाद अब बैंकों पर ब्याज दर कम करने का दबाव बढ़ेगा। रेपो रेट को कम करने का ये फैसला रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में लिया गया।
बता दें कि एमपीसी की इस बैठक में रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट की कटौती का फैसला किया गया है। वहीं, केद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के अनुमान को 7 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है।
आरबीआई का ऐतिहासिक फैसला
रिजर्व बैंक के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब किसी गवर्नर की नियुक्ति के बाद से लगातार चार बार रेपो रेट में कमी आई है। शक्तिकांत दास के गवर्नर बनने के बाद लगातार रेपो रेट में कटौती आई है। इससे पहले आरबीआई की पिछली तीन मौद्रिक समीक्षा बैठकों में रेपो रेट में क्रमश: 0.25 फीसदी की कटौती की चुकी है।
किसको होगा फायदा
रेपो रेट में कटौती के आरबीआई के इस फैसले से उन लोगों को फायदा होगा, जिन्होंने ईएमआई पर होम या ऑटो लोन लिया है। दरअसल, आरबीआई के रेपो रेट कटौती के बाद बैंकों पर ब्याज दर कम करने का दबाव बनेगा। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों से रेपो दर में कटौती का लाभ कर्जदारों को देने को कहा था।