नई दिल्ली : सरकार की तरफ से आज लोकसभा में विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन (यूएपीए) विधेयक 2019 बिल पेश किया गया, जो पास हो गया। हालाँकि बिल पर वोटिंग के बीच कांग्रेस ने सदन से वाकआउट कर लिया। बिल के पक्ष में 288 जबकि विपक्ष में आठ वोट पड़े। इस बिल के पास होने के बाद आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोगों को आतंकी घोषित किये जाने में मदद मिलेगी, जिससे देश-विरोधी तत्वों पर शिकंजा कसा जा सकेगा।
संशोधित कानून के तहत आतंकियों और आतंकी संगठनों की संपत्ति जब्त करने का भी अधिकार प्राप्त होगा। हालाँकि इसके लिए संबंधित राज्यों के DGP से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। अगर एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) मामले की जांच कर रही है तो उसे केवल एनआईए के महानिदेशक की मंजूरी लेनी होगी। एआईए को डीजीपी से मंजूरी लेना जरूरी नहीं होगा।
संशोधित कानून के तहत अब आतंकी गतिविधियों में लिप्त संगठनों और व्यक्तियों तो आंतकवादी घोषित किया जा सकेगा। लोकसभा में शाह ने यासीन भटकल मामले का जिक्र करते हुए कहा कि एनआईए ने उसके संगठन इंडियन मुजाहिदीन को आतंकी संगठन घोषित किया था लेकिन यासीन को नहीं, क्योंकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं था। शाह ने कहा कि इसी कमजोरी का फायदा उठाते हुए भटकल ने 12 आतंकी घटनाएं कीं।