Top News of 2019 : आर्टिकल 370 और 35-A से जम्मू-कश्मीर को मिली आज़ादी
साल 2019 खत्म होने वाला है। ये पूरा साल देश के लिए काफी उथल-पुथल भरा रहा। 2019 में सियासी गर्मी (Political Uproar) दिखी, सीमा पर युद्ध वाला तनाव दिखा, तो संसद ने कई ऐसे कानून (Law) बनाए जिनका आने वाले समय में काफी असर दिखेगा। इसी साल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी कई ऐतिहासिक फैसले (Historical Decision) दिए। महिलाओं ने इतिहास रचा, तो साइंस में भी देश का नाम पूरी दुनिया में रौशन हुआ। एक नज़र कुछ ऐसी ख़बरों पर (Top News of 2019) , जिसने 2019 में जमकर सुर्खियां बटोरी।
Top News of 2019 : जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 ख़त्म
70 साल से देश को जिस पल का इंतजार था वो अगस्त 2019 में आया, जब 5 अगस्त को मोदी सरकार (Modi Government) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu-kashmir) को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 (Article 370) को खत्म कर दिया। इसके साथ ही राज्य में लागू 35-ए (Article 35 A) यानि विशेष नागरिकता अधिकार भी खुद-ब-खुद खत्म हो गया। राष्ट्रपति (President of India) की मंजूरी के बाद केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 और 35ए, खत्म होने की सूचना संसद में दी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पहले राज्यसभा (Rajyasabha) और फिर लोकसभा (Loksabha) में अनुच्छेद-370 व 35ए को खत्म करने की जानकारी दी।
गृहमंत्री ने संसद में जम्मू-कश्मीर पुर्नगठन बिल भी पेश किया
आर्टिकल 370 खत्म करने के साथ ही गृहमंत्री ने संसद में जम्मू-कश्मीर पुर्नगठन बिल (Jammu and Kashmir Reorganization Bill) भी पेश किया। दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति ने भी मंजूरी दे दी। 31 अक्टूबर 2019 से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख (Ladakh) आधिकारिक तौर पर दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गए। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख बिना विधानसभा या विधान परिषद के केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) बना। जम्मू-कश्मीर में 20 और लद्दाख में 2 जिले होंगे। सरकार ने भारत का नया नक्शा (New map of india) भी जारी कर दिया, जिसमें जम्मू और कश्मीर के विभाजन को दर्शाया गया है। साथ ही, पीओके (PoK) के दो क्षेत्र मुजफ्फराबाद (Muzaffarabad) और मीरपुर (Mirpur) को भारतीय मानचित्र में शामिल किया गया है।
हालाँकि मोदी सरकार के इस फैसले को लेकर विपक्ष (Opposition) का जबरदस्त विरोध प्रदर्शन (Protest) भी देखने को मिला, लेकिन सरकार ने पहले तो बिल को लोकसभा और राज्यसभा में पास करवाने में सफलता प्रदान की और फिर इसे सफलतापूर्वक लागु करवाने में भी सफल रही। हालाँकि इसके मद्देनज़र कुछ दिनों तक घाटी में कर्फ्यू जैसे हालात रहे।