सराहनीय कदम : रोजाना बर्बाद होने वाले खाने से भर रहा है हजारों गरीबों का पेट
नई दिल्ली : हिंदुस्तान एक ऐसा देश है, जहां करोड़ों लोग ऐसे हैं जिन्हें एक वक्त का खाना भी नसीब नहीं हो पाता, तो वहीं इसी देश में रोजाना हजारों किलो खाना कूड़े की भेंट चढ़ जाता है। ऐसे में खाने के दाने-दाने को बर्बाद होने से बचाने और उसे जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए मुंबई में एक ऐसी पहल की गयी है, जिसकी सीख पूरे देश को लेनी चाहिए। दरअसल मुंबई की वर्सोवा वेलफेयर एसोशिएशन की तरफ से शहर के कई इलाकों में कम्यूनिटी फ्रिज लगाए गये है। इस पहल की शुरूआत जनवरी 2019 से की गई, तब से अब तक 5 फ्रिज लगाए जा चुके हैं। आगे भी ऐसे और फ्रिज लगाने की योजना बनाई जा रही है। इस नेक काम में अंधेरी के स्थानीय निवासियों ने भी ऐसोशिएशन की मदद की है।
गरीब, बेसहारा और जरूरतमंद लोगों तक खाना पहुंचाना मकसद
कम्यूनिटी फ्रिज लगाने का मकसद सिर्फ एक है और वो है गरीब, बेसहारा और जरूरतमंद लोगों तक खाना पहुंचाना। इसके लिए मुंबई के लोखंडवाला, वर्सोवा, ओशिवारा, डीएन नगर, और मीरा रोड में फ्रिज रखे गए हैं। फ्रिज में खाना रखने की जिम्मेदारी स्थानीय लोगों और वर्सोवा वेलफेयर सोसाइटी की है। इसके अलावा आस-पास के होटेल्स ने भी यहां खाना रखने का जिम्मा उठाया है। यहां से आर्थिक रूप में कमजोर व्यक्ति दोपहर में 1 बजे से 2.30 बजे और शाम को 7 बजे से रात 9.30 बजे तक खाना ले सकते हैं। कम्युनिटी फ्रिज में ज्यादातर वेज खाना ही रखा जाता है। इनमें रोटी सब्जी, ताजे फल, स्नेक्स, बर्गर और बड़ा पाव शामिल है। मुंबई में ऐसे फ्रिज लग जाने से गरीबों को भरपेट भोजन मिल पा रहा है। यहां से खाना लेने वालों में मजदूर, ऑटो रिक्सा ड्राइवर, बीएमसी वर्कर शामिल हैं।
हर साल औसतन 6,700 करोड़ किलो खाद्य सामग्री कूड़ेदान की भेंट चढ़ जाता है
भारत में फूड वेस्टेज या यूं कहें खाने की बर्बादी हमेशा से एक बड़ी समस्या रही है। एक नजर आंकड़ों पर डालें तो भारत में हर साल औसतन 6,700 करोड़ किलो खाद्य सामग्री कूड़ेदान की भेंट चढ़ जाता है। जितना खाद्य सामग्री बर्बाद होता है, उससे गरीबी रेखा (BPL) के नीचे रह रहे 26 करोड़ लोगों का पेट 6 महीने तक भरा जा सकता है। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि खाने की बर्बादी को रोकने के लिए पूरे देश में इस तरह के कम्यूनिटी फ्रिज लगाना एक सार्थक कदम साबित हो सकता है।