नई दिल्ली : 2017 में योगी सरकार के गठन के बाद पहली बार योगी मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया है. आज योगी मंत्रिमंडल में 23 नए मंत्रियों को शामिल किया गया. इस तरह योगी मंत्रिमंडल में अब मंत्रियों की संख्या 56 हो गयी है. आज नए मंत्रियों ने अपने पद व गोपनीयता की शपथ ली.
बीजेपी की तरफ से हर बार क्षेत्रीय और जातीय राजनीति को आधार न बनाये जाने की बात की जाती है, लेकिन योगी मंत्रिमंडल के विस्तार में क्षेत्रीय और जातीय समीकरण पूरी तरह से हावी नज़र आ रहा है. मंत्रिमंडल विस्तार के जरिये बीजेपी ने यूपी में क्षेत्रीय और जातीय समीकरण को साधने की पूरी कोशिश की है.
कुल 23 नए मंत्रियों ने शपथ ली है, जिसमें 6 कैबिनेट 6 स्वतंत्र प्रभार 11 राज्य मंत्री बनाए गए हैं. 23 नए मंत्रियों में से 6 ब्राह्मण, 2 ठाकुर, 2 जाट, 1 गूर्जर, 3 दलित, 2 कुर्मी, 1 राजभर, 1 पाल, 3 वैश्य, 1 लोध और 1 मल्लाह समुदाय से ताल्लुकात रखते हैं. ब्राह्मण समुदाय को इस बार सबसे ज्यादा तवज्जो मिली है और योगी मंत्रिमंडल में 6 ब्राह्मणों को मंत्री बनाया गया है. राम नरेश अग्निहोत्री, नीलकंठ तिवारी, सतीश द्विवेदी, अनिल शर्मा, आनंद स्वरूप शुक्ला और चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय को मंत्री बनाया गया है.
वहीं ओपी राजभर के बीजेपी से अलग होने के बाद राजभर समुदाय को साधने के लिए अनिल राजभर को योगी मंत्रिमंडल में जगह मिली है. गुर्जर समुदाय से बिजनौर के एमएलसी अशोक कटारिया को राज्यमंत्री बनाया गया है. योगी मंत्रिमंडल में एकमात्र गुर्जर मंत्री हैं. पाल समुदाय की भागेदारी को सरकार में बढ़ाने के लिए अजीत सिंह पाल को राज्य मंत्री बनाया गया है.