जनतंत्र डेस्कः COVID-19 Vaccine: कोरोना वैक्सीन को लेकर ब्रिटेन और रूस के बीच खींचा-तनी चल रही है। दरअसल, ब्रिटेन की सुरक्षा एजेंसियों ने रूस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि रूस की कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-वी कथित तौर पर उनकी वैक्सीन एस्ट्राजेनेका के शोध पर आधारित है। साथ ही, सुरक्षा एजेंसियों ने ये भी कहा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ स्पुतनिक-वी और एस्ट्राजेनेका वैक्सीन एक जैसा ही काम करती हैं।
यह भी पढ़ें – Being Alone Is Good: मानसिक स्वास्थ्य के लिए क्यों ज़रूरी है अकेले समय बिताना, जानें इसके फायदे
COVID-19 Vaccine: दोनों वैक्सीन में फर्क और समानता
बता दें कि एस्ट्राजेनेका और स्पुतनिक-वी दोनों ही वायरल वेक्टर वैक्सीन हैं। स्पुतनिक-वी वैक्सीन में दो मानव एडेनोवायरस का उपयोग किया गया है, जबकि ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन में एक चिंपैंजी एडेनोवायरस का उपयोग किया गया है। ये तो आप जानते ही हैं कि कोरोना वायरस के खिलाफ अत्यधिक सुरक्षा पाने के लिए दोनों ही वैक्सीन की दोनों डोज़ लेना ज़रूरी है। दोनों के रखरखाव के लिए दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान की ज़रूरत होती है। क्लीनिकल परीक्षण में ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन कोरोना संक्रमण के खिलाफ 90 फीसदी प्रभावी पाई गई थी, जबकि स्पुतनिक-वी 92 फीसदी प्रभावी पाई गई।
COVID-19 Vaccine: ब्रिटेन की सुरक्षा एजेंसियों का बड़ा दावा
ब्रिटिश रिपोर्ट्स में ब्रिटेन की सुरक्षा एजेंसियों ने ये दावा किया गया है कि उनके पास रूसी राष्ट्रपति पुतिन के एक जासूस के खिलाफ एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का फार्मूला चुराने का ठोस सबूत है। ‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक एक विदेशी एजेंट ने कोविशील्ड का ब्लूप्रिंट और ज़रूरी सूचना चुरा लिया। गौरतलब है कि यह दावा ऐसे समय पर आया है जब कुछ महीने पहले ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया था कि उन्होंने स्पुतनिक वी कोरोना वैक्सीन लगवाई है।