नई दिल्ली : गर्मी के मौसम आते ही तरह-तरह की बीमारियों की शिकायत लोगों में होने लगती हैं। आपको बता दें कुछ बीमारियां तो सामान्य होती हैं जिनका इलाज आसान होता है, लेकिन कुछ बीमारियां गंभीर होती हैं जिनका समय पर इलाज नहीं करवाया गया तो ये जानलेवा साबित हो सकती हैं। हम आपको बताने जा रहे हैं उन बीमारियों और उनसे बचाव के बारे में।
1- खसरा
ये एक ऐसा रोग है जो सांस के जरिए फैलता है। खासकर खसरा गर्मियों में जी से फैलता है। खसरा होने पर शरीर पर लाल रंग छोटे दाने हो जाते हैं और बुखार, खांसी, नाक बहना व आंखों का लाल होना जैसी दिक्कते होती हैं। खसरा को रूबेला भी कहा जाता है।
बचाव- खसरा से सुरक्षा के लिए शुरुआती तौर पर टीकाकरण शामिल है। टीका आमतौर पर सभी बच्चों को दिया जाता है और रोग को रोकने में बेहद कारगर है। खसरा से संक्रमित व्यक्ति से दूर रहना इसे फैलाने से रोक सकता है।
2- पीलिया
गर्मी के मौसम में पीलिया होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसको हेपेटाइटिस ए भी कहा जाता है। पीलिया दूषित पानी या खाने से हो सकता है। पीलिया में रोगी की आंखे व नाखून पीले हो जाते हैं और पेशाब भी पीले रंग की होती है।
बचाव- पीलिया हो जाने पर दूषित खाने बचें। इसके साथ ही सिर्फ उबला हुआ या छना हुआ ही पानी पीएं।
Delhi Challan: इन सड़कों पर तेज गति से वाहन चलाया तो खैर नहीं, ऐसे कटेगा चलान
3- टाइफॉइड
टाइफॉइड की बीमारी गंदे पानी और खाने से होती है। गर्मी के मौसम आते ही टाइफॉइड होने लगता है। इसके कारण लगातार बुखार रहना, भूख कम लगना, उल्टी होना और खांसी-जुकाम हो जाता है।
बचाव– टाइफॉइड से बचने के लिए टीकाकरण करना मुख्य विकल्प है। इसके अलावा खाने-पीन के पदार्थों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
4- चेचक
गर्मी की शुरुआत में ही चेचक का संक्रमण फैलता है। चेचक के होने शरीर में लाल दाग पड़ जाते हैं। इसके अलावा सिरदर्द बुखार और गले में खराश इसके शुरुआती लक्षण हैं। जिस किसी को भी चेचक होता है, उसके खांसी या छींक आती है तो यह रोग फैलता है।
बचाव- चेचक से बचने के लिए टीके लगाया जाता है। इसके अलावा बाहर से घर आने पर अपने हाथों को धोएं और चेचक से पीड़ित को अलग कमरे में रखें।
5- घेंघा
थॉयराइड ग्लैंड के बढ़ जाने से घेंघा का रोग हो जाता है। गर्दन में सूजन आ जाना इसका पहला लक्षण होता है। घेंघा हो जाने पर सांस लेने में दिक्कत, खांसी आना, निगलने में कठिनाई, गला बैठना जैसी समस्या हो जाती हैं।
बचाव- घेंघा से निजात पाने के लिए दवाएं इस्तेमाल की जाती हैं। इसके अलावा कभी-कभी ऑपरेशन करके थॉयराइड ग्लैंड को निकाल दिया जाता है।
Ghaziabad Bhabhi Aur Bhatiji Ki Pitai |Ghaziabad Crime News | Ghaziabad Crime | UP News Live | Viral