नई दिल्ली: World Mental Health Day: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने रविवार को चिकित्सा पाठ्यक्रम में अच्छे मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में भारतीय परंपराओं की भूमिका को शामिल करने का विचार रखा। साथ ही, उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोलॉजिकल साइंसेज़ (NIMHANS) से इस मुद्दे का गहराई से अध्ययन करने का आग्रह किया ताकि सरकार को निर्णय लेने और नीति तैयार करने में सक्षम बनाया जा सके।
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World Mental Health Day: मानसिक समस्याओं का इलाज करेंगी परंपराएँ
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर NIMHANS द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “हमें मानसिक समस्याओं के इलाज के पारंपरिक तरीके को समझने की ज़रूरत है। मैं सोच रहा हूँ कि क्या हम अपने पाठ्यक्रम में अच्छे मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में अपनी परंपराओं की भूमिका को शामिल कर सकते हैं।” मंडाविया ने कहा कि विशेषज्ञों को पारंपरिक पारिवारिक संरचना का अध्ययन करना चाहिए, जिसके बारे में उनका दावा है कि इससे मानसिक समस्याएँ अपने आप ठीक हो जाती हैं। मंडाविया ने सभा को बताया, “हमारे सभी त्योहार मानसिक उपचार का हिस्सा थे। धार्मिक और सामाजिक आयोजनों पर हमारी सभा, सुबह और शाम की हमारी प्रार्थना और हमारी आरती सभी हमारे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हैं। ये परंपराएँ मानसिक समस्याओं का इलाज करती थीं।”
World Mental Health Day: मौजूदा शिक्षा प्रणाली पर जताया अफसोस
मंडाविया ने यह भी कहा कि NIMHANS को अपने छात्रों को शोध करने का काम देना चाहिए, न कि उन्हें केवल किताबों का अध्ययन करने और परीक्षा में पास करने तक सीमित करना चाहिए। उन्होंने अफसोस जताया कि मौजूदा शिक्षा प्रणाली से देश को वह नहीं मिल सका जो उसे मिलना चाहिए था। मंडाविया ने कहा, “देश को संस्थानों, उसके संकाय और शोधकर्ताओं से बहुत उम्मीदें हैं क्योंकि ये अकेले देश के विकास और उसके भविष्य का आधार हो सकते हैं। मोदी जी ने शोध पर ज़ोर दिया है। हम चाहते हैं कि आपका काम राष्ट्र केंद्रित हो।”