नई दिल्ली: ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) का कोई प्रतिनिधि अगर 28 अक्टूबर को संसद की एक संयुक्त समिति के सामने पेश नहीं हुआ तो यह विशेषाधिकार हनन के समान होगा. बीजेपी सांसद और समिति की अध्यक्ष मीनाक्षी लेखी ने शुक्रवार को इस बारे में बताया डाटा सुरक्षा विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति ने अमेजन के साथ ट्विटर के प्रतिनिधियों को 28 अक्टूबर को उसके सामने पेश होने को कहा है अमेजन ने समिति के सामने पेश होने से इनकार किया है समिति ने गूगल तथा पेटीएम के प्रतिनिधियों को 29 अक्टूबर को तलब किया है समिति की बैठकों के कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए लेखी ने कहा कि अमेजन ने समिति के सामने पेश होने से इनकार किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘अमेजन (amazon) ने 28 अक्टूबर को समिति के सामने पेश होने से इनकार कर दिया है और यदि ई-कॉमर्स कंपनी की ओर से कोई पेश नहीं हुआ तो यह विशेषाधिकार उल्लंघन के समान होगा.’’
- ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन पर हो सकती है कार्रवाई
- तलब किए जाने की जरूरत होगी उसे पेश होना होगा
- भारत के सुरक्षा हितों से समझौता करने नहीं दिया जाएगा
- डेटा और निजता की रक्षा के मुद्दे पर फेसबुक और ट्विटर को भी समन जारी
अमेजन के पब्लिक पॉलिसी के एक अधिकारी ने संसदीय समिति को जवाब में कहा है कि डाटा सुरक्षा पर उसके विषय विशेषज्ञ विदेश में हैं और कोविड-19 के कारण यात्रा नहीं कर सकते इसलिए वह समिति के सामने हाजिर हो पाने में असमर्थ है. अमेजन की इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए समिति के एक सदस्य ने कहा कि अजीब है कि कंपनी के भारत में करोड़ों ग्राहक हैं और उसके लिए बड़े बाजारों में से यह एक है इसके बावजूद देश में उसके डाटा सुरक्षा अधिकारी नहीं हैं ।