प्रयागराज : Oxygen Level कोरोना वायरस को लेकर त्राहि-त्राहि के बीच लोगों में ऑक्सीजन घटने का डर हावी है। आपको मालूम होना चाहिए कि ऑक्सीजन का सेचुरेशन लेवल बहुत हद तक आपकी अवस्था या स्थिति पर भी निर्भर करता है। जब आप घबराए हुए होते हैं तो ऑक्सीजन चार फीसद तक कम हो सकता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि ऑक्सीजन के सेचुरेशन लेवल को लेकर सतर्कता तो बरतें लेकिन बहुत परेशान कतई न हों।
पल्स ऑक्सीजन का सही से इस्तेमाल
इन दिनों पल्स ऑक्सीमीटर कई घरों की जरूरत बन गया है। इसके ठीक तरह से इस्तेमाल न किए जाने से आप परेशान भी हो सकते हैं। लोग प्रत्येक घंटे ऑक्सीजन का स्तर नाप कर अपने दिल की धड़कन बढ़ा रहे हैं। तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय (बेली अस्पताल) के वरिष्ठ डाक्टर एमके अखौरी की मानें तो जितनी ज्यादा घबराहट होती है उससे ऑक्सीजन घटता है।
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कभी-कभी इससे दो से चार प्रतिशत की गिरावट तक आ जाती है यानी मरीज पहले ठीक भी रहता है तो अकारण ही उसकी तकलीफ बढ़ जाती है। कोरोना संक्रमण के इस दौर में घबराना बिल्कुल नहीं है। घबराएंगे नहीं तो अस्पताल जाने की जरूरत शायद नहीं पड़ेगी।
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नापने का तरीका
- पल्स ऑक्सीमीटर के संबंध में फेफड़ा रोग के एक्सपर्ट कहते हैं कि इंडेक्स फिंगर में इसे लगाकर दिन भर में अधिकतम तीन बार ही रीडिंग लेना चाहिए।
- अधिकतम 20 सेकंड में रीडिंग आ जाती है, डाक्टर को बताने के लिए उसे नोट कर लें। प्रत्येक घंटे पर रीडिंग लेने की कोशिश न करें।
- पल्स ऑक्सीमीटर की मांग बीते दो सप्ताह में तेजी से बढ़ी है। दवा और सर्जिकल सामान की दुकानों पर इसकी कमी पड़ जाने से लोगों की घबराहट को भांप कर दुकानदार दोगुनी कीमत भी वसूल रहे हैं।
- दो माह पहले सात या आठ सौ रुपये में मिलने वाला ऑक्सीमीटर अब 15 सौ से 2000 रुपये तक मिल रहा है। ब्रांडेड कंपनियां ऑनलाइन ऑर्डर में लोगों को लूट रही हैं।