नई दिल्ली: Covid-19 दुनिया में पिछले एक साल से वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है। महामारी की सबसे अधिक मार यूरोपीय देशों ने झेली है। कोरोना वायरस के एक साल होने के बाद ही यूरोप में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है। एक बार फिर कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने के चलते यूरोप में लॉकडाउन लगाया जा सकता है। वहीं भारत में कोरोना नियंत्रण में आने के बाद एक फिर बेकाबू हो गया है। देश में एक माह में नए मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में लॉकडाउन की स्थिति बन रही है।
Covid-19 एक बार फिर पाबंदियां बढ़ीं
यूरोपीय देश इटली, फ्रांस, जर्मनी, पोलैंड और बेल्जियम सहित यूरोप में कोरोना के नए मामले तेजी से बढ़े हैं। उन देशों में इस समय इंफेक्शन रेट उच्चतम स्तर पर है। यूरोप में पिछले सप्ताह आठ लाख नए मामले आए हैं। यह पिछले सप्ताह के मुकाबले 5.8 % तक ज्यादा है।उसके लिए कोरोना के नए वेरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा है। संक्रमण के मामले बढ़ते देख ज्यादातर देशों ने लॉकडाउन और प्रतिबंधों को बढ़ाना शुरू कर दिया है। बता दें कि चिकित्सकों का मानना है कि अगर कोरोना की तीसरी लहर से बचना है, तो फिर से लॉकडाउन लगाना ही होगा।
INDvENG: भारत और इंग्लैंड के बीच आज तीसरा टी-20 मुकाबला
कोरोना केस
फ्रांस में 2021 में तेजी से कोरोना केस घट रहे थे। जनवरी के बाद इसमें बेतहाशा वृद्धि हुई थी। वही हालात इतने बिगड़ गए हैं कि राजधानी पेरिस में आईसीयू लगभग फुल हो गए थे। फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री ओलिवियर वेरन ने कहा कि दिन और रात में हर 12मिनट के बाद पेरिस में एक कोरोना मरीज आईसीयू में भर्ती हो रहा था। फ्रांस के कई इलाकों में लॉकडाउन और प्रतिबंध जारी है। साथ ही अब डॉक्टर नेशनल लॉकडाउन लगाने के लिए सरकार पर दबाव डाल रहे थे।
इटली में फिर लॉकडाउन देखने को मिल रहा है। लगभग पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया है। सिर्फ जरूरी कामों के लिए घरों से बाहर निकलने की छूट है। पिछले सप्ताह इटली में रोजाना 25 हजार से ज्यादा केस मिल रहे थे। प्रधानमंत्री मारियो ड्रागी ने बढ़ते मामलों पर कहा कि पिछले बसंत में जो हुआ था। उसकी यादें अभी ताजा इस लिए दोबारा उसे होने से रोकने के लिए हम हर संभव कोशिश करनी होगी।
यूरोप में टीकाकरण
यूरोप वैक्सीन की कुल 4.85 लाख डोज लोगों को लगा कर अमेरिका,ब्रिटेन और चीन की तुलना में अभी भी पीछे है। दुनिया में कुल मरीजों की संख्या 12 करोड़ के पास हो गई है। अभी यह आंकड़ा 12.07 करोड़ के भी पर हो गया है।