नई दिल्लीः किसानों पर दायर झूठे मुकदमे बिना शर्त वापस लेने की मांग करते हुए राज्य सभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पिछले करीब 6 महीने से किसान शांतिपूर्ण ढंग से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन, 16 मई को सरकार ने जिस बर्बरता से बुजुर्ग किसानों एवं महिलाओं पर लाठियां बरसायी और किसानों पर झूठे मुकदमे दर्ज कराए उसे प्रजातंत्र में बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जा सकता।
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किसान विरोधी सरकार :दीपेंद्र हुड्डा
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने हिसार, उगालन के किसान रामचंद्र खरब को श्रद्धांजलि दी और परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने फिर साबित कर दिया कि वो देश की सबसे बड़ी किसान विरोधी सरकार है।उन्होंने सवाल किया कि ये कैसा प्रजातंत्र है कि सरकार बातचीत भी नहीं कर रही और लाठियां भी बरसा रही है, साथ ही पीड़ित किसानों पर ही झूठे मुकदमे भी दर्ज करा रही है। सैंकड़ों किसानों पर झूठे मुकदमें दर्ज कराना इस सरकार के अहंकार और तानाशाही का प्रतीक है।
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शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत
दीपेंद्र हुड्डा ने आगे कहा हम किसानों के साथ हैं और सरकार को न्याय करना ही होगा। सरकार किसानों को डराने धमकाने से बाज आये, सरकार की लाठी, गोली से किसान डरने वाले नहीं। महामारी के इस कठिन दौर में किसान आंदोलन का हल शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत के माध्यम से निकालना चाहिए था, तब सरकार सत्ता के घमंड में बातचीत के सारे द्वार बंद कर बैठ गयी। उन्होंने कहा कि बीते करीब 6 महीने में 350 से ज्यादा किसानों ने अपनी जान कुर्बान कर दी। लेकिन सरकार किसानों की बात मानने की बजाय अड़ियल रवैया अपनाए रही। जिसके कारण अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।