जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: देश की आन,बान,शान है “हमारा National Flag” और 22 जुलाई वो तारीख है जब भारत का National Flag बना था। चलिए आज हम आपको यह बताते है कि कितने सालों के संघर्ष के बाद हमें हमारा National Flag मिला था।
कैसे बना National Flag
22 जुलाई1947 को संविधान सभा ने देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के कमिटी की सिफारिश पर तिरंगे को देश के National Flag के तौर पर अपनाया था। जिसे पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था
1906 में पहला National Flag
पहला National Flag7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क) कोलकाता में फहराया गया था। इस ध्वज को लाल, पीले और हरे रंग की क्षैतिज पट्टियों से बनाया गया था। इसमें ऊपर हरा, बीच में पीला और नीचे लाल रंग था। साथ ही इसमें कमल के फूल और चांद-सूरज भी बने थे।
1907 में दूसरा National Flag
भारतीय इतिहास में देश का दूसरा National Flag की चर्चा 1907 में होती है। इसे मैडम भीकाजी कामा द्वारा पेरिस में फहराया गया था। यह ध्वज काफी कुछ 1906 के झंडे जैसा ही था, लेकिन इसमें सबसे ऊपरी की पट्टी का रंग केसरिया था और कमल के बजाए सात तारे सप्तऋषि प्रतीक थे। नीचे की पट्टी का रंग गहरा हरा था जिसमें सूरज और चांद अंकित किए गए थे।
1917 में देश को मिला तीसरा National Flag
1917 में देश को में तीसरा झंडा मिला। इसे होम रूल आंदोलन के दौरान फहराया गया था। इस झंडे में पांच लाल और चार हरी क्षैतिज पट्टियां थीं। जिसके अंदर सप्तऋषि के सात सितारे थे। बांयी और ऊपरी किनारे पर यूनियन जैक भी मौजूद था। एक कोने में सफेद अर्धचंद्र और सितारा भी था।
देश का चौथा National Flag साल 1921 में मिला
देश का चौथा झंडा साल 1921 में सामने आया। विजयवाड़ा में हुए भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र में एक झंडे का इस्तेमाल किया गया जिसे चौथा National Flag कहा गया। तीन रंगों की पट्टियों में गांधीजी के चरखें के प्रतीक को दर्शाया गया था। इस झंडे में तीन रंग-सफेग रंग के अलावा लाल और हरा रंग जो दो प्रमुख समुदायों अर्थात हिन्दू और मुस्लिम का प्रतिनिधित्व करता है।
1931 में देश को पांचवा National Flag मिला
1931 में देश को पांचवा झंडा मिला था। जिसका स्वरूप अभी तिरंगे जैसा ही कुछ कुछ मिलता जुलता था।
1947 में देश को छठा तिरंगा मिला
1947 में अपनाए गए हमारे National Flag का स्वरूप काफी कुछ 1931 में अपनाए गए National Flag जैसा ही है। इस झंडे में तीन रंग- केसरिया, सफेद और हरे रंग की पट्टियां थीं। सफेद पट्टी के बीचों-बीच गांधी जी के चरखा का प्रतीक बनाया गया था।
तिरंगा के तीनों रंगों का विस्तार से विवरण –
केसरिया –केसरिया रंग तिरंगे में सबसे ऊपर होता है, यह साहस, निस्वार्थता व शक्ति का प्रतीक है।
सफ़ेद – तिरंगा में सफ़ेद रंग सच्चाई, शांति व पवित्रता का प्रतीक है। यह रंग देश में सुख शांति की उपयोगिता को दर्शाता है।
हरा – हरा रंग विश्वास, शिष्टता, वृद्धि व हरी भरी भूमि की उर्वरता का प्रतीक है। यह सम्रधि व जीवन को दर्शाता है।
अशोक चक्र – इसे धर्म चक्र भी कहते है। नीले रंग का अशोक चक्र तीसरी शताब्दी में सम्राट अशोक द्वारा बनाया गया था। जिसे तिरंगा में बीच में लगाया गया है, इसमें 24 धारियां होती है। अशोक चक्र जीवन के गतिशील होने को दर्शाता है, इसका न होना मतलब म्रत्यु है।
राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े रोचक तथ्य –
- राष्ट्रीय ध्वज को 29 मई 1953 में दुनिया के सबसे उचें पर्वत माउंट एवेरेस्ट पर फहराया गया था।
- मैडम भीखाजी खामा पहली इन्सान है, जिन्होंने राष्ट्रीय ध्वज को विदेशी जमीन पर फहराया था।
- 1984 में राकेश शर्मा द्वारा इसे अंतरीक्ष पर फहराया गया।
- दिसम्बर 2014 में चेन्नई में 50 हजार लोगो ने राष्ट्रीय ध्वज बनाकर एक रिकॉर्ड कायम किया था।
- दिल्ली के सेंट्रल पार्क में सबसे ऊँचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया, जिसकी लम्बाई 90 फीट व् चोड़ाई 60 फीट थी।