अब तक आपने मोबाईल फोन में फोन अनलॉक करने के लिए फेसियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया होगा..लेकिन क्या आपको पता है की चीन में फेसियल रिकॉग्निशन का इस्तेमाल पेमेंट भुगतान करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, चाइना और टेक्नोलॉजी तो जैसे एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। ये ऐसा हम इस लिए कह रहें है क्योंकी आए दिन चाइना अपने टेकनॉलजी में इजाफा करता जा रहा है। जहां एक तरफ भारत में डिजिटल पेमेंट पर खूब जोर दिया जा रहा है। पेटीएम, फोनपे, मोवी क्विक जैसे कई एप से डिजिटल पेमेंट किया जा रहा हैं वहीं चाइना इससे एक कदम आगे निकल कर फेसियलक पेमेंट सर्विस की शुरुआत कर चुका है। चीनी लोग सामान खरीदते हैं और अपने चेहरे के जरिए पेमेंट करते हैं।
चीन की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा का फाइनेंशियल आर्म अली-पे इस पेमेंट सेवा में आगे है। चीन के तकरीबन 100 शहरों में अली-पे की फेसियल रिकॉग्निशन तकनीक इस्तेमाल हो रही है। अली-पे इस तकनीक को लागू करने के लिए अगले तीन साल में तकरीबन 42 करोड़ डॉलर खर्च करेगी। टेनसेंट भी इस काम में आगे है। चीन में पेमेंट के अलावा 59 पब्लिक हाउसिंग सोसाइटी में भी फेशियल रिकॉग्निशन का इस्तेमाल एंट्री के लिए हो रहा है।
चाइना में स्मार्टफोन से पेमेंट करने का चलन पुराना हो चुका है। अब लोग कार्ड कैश तो छोड़िए,डिजिटल वॉलेट से भी पेमेंट नहीं करते है..यहां पर लोग कैमरे के कनेक्टेड POS मशीन के सामने खड़े होते हैं और पेमेंट करते हैं। इसके लिए उन्हें पहले एक बार अपने चेहरे को बैंक अकाउंट या डिजिटल पेमेंट सिस्टम से लिंक करना होता है। चीन में करीब साल भर पहले यह सर्विस लॉन्च हुई और अब तक इसका विस्तार 100 शहरों में हो चुका है। फेसियल रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर को पहले से ही बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जाता रहा है। लोगों पर नजर रखने और अपराधियों को पकड़ने के लिए यह काफी मददगार साबित हुआ है।अब इसे पेमेंट मेथड को आसान बनाने के लिए इस्तमाल में लाया जाने लगा है। हालांकि इस पेमेंट सिस्टम को लेकर लोगों के मन में डाटा चोरी और निजता में सेंध लगने जैसी बातों का डर भी है, लेकिन फिर भी इस सिस्टम को तेजी से अपनाया जा रहा है।
फेसियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भारत में अभी काफी सीमित है। हाल ही में हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एंट्री के लिए इसकी शुरुआत की गई है। इसका शुरुआती ट्रायल हो चुका है। डिजिटल पेमेंट से जुड़ी कुछ कंपनियां इस टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करने पर विचार कर रही हैं, लेकिन यह सेवा कब लॉन्च होगी, इस बारे में अभी बहुत कुछ साफ नहीं हुआ है..लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही इस नई तकनीक से भारत में भी पेमेंट की दुनिया में नई क्रांति दिखेगी।